[ad_1]
कमर्शियल ऐड फिल्म में सबसे ज्यादा नजर आने वाले एक्टर नरेन्द्र खत्री इन दिनों जयपुर आए हुए हैं। जो जयपुर के ही रहने वाले हैं। उनका मुंबई जाना और वहां पहचान बनाने की कहानी सबसे अलग है। उन्होंने बताया कि 16 साल पहले जब उनकी बेटी एक साल की थी, तब उसे किड
.
बेटी को लगातार काम मिलते रहे, इसके चलते हम दिल्ली और मुंबई आते-जाते रहे। इसके बाद निर्णय लिया कि अपना काम छोड़कर मुंबई ही शिफ्ट होना पड़ेगा। इस निर्णय पर मेरे परिवार और दोस्तों ने सवाल उठाए थे। उनका भी सोचना सही था क्योंकि मैं यहां पर अच्छी तरह से सेटल था। मेरी वाइफ ने मेरा साथ दिया और हम निकल गए। आज हम तीनों इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। जिन सितारों को हम टीवी पर देखा करते थे, उनके साथ अब हम दिखाई देते हैं।
नरेन्द्र टीवी ऐड में अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके हैं।
सवाल: बहुत समय बाद आप अपने शहर आए हैं, किस तरह का अनुभव रहा, इस बार?
नरेन्द्र खत्री: मैं ऐड शूट के लिए आया हुआ था, उसकी शूटिंग के बाद अपनों को समय दे रहा हूं। आपसे मिलने के दौरान ही मैं यहां के आर्टिजन, क्राफ्टमैन और आर्टिस्ट्स से मिल पाया। यह सरप्राइज था कि इतने नामचीन कलाकारों और डाइंग आर्ट पर काम कर रहे इन महानुभावों से मुलाकात कर पाया। यह अच्छा समय रहा, जब आपसे मुलाकात रही।
सवाल: हम जानना चाहेंगे कि जयपुर से मुंबई के लिए कैसे निकले और एक्टिंग को ही क्यों चुना?
नरेन्द्र खत्री: बॉलीवुड इंडस्ट्री में 13-14 साल हो गए हैं। लेकिन डेस्टिनी ही मुझे वहां लेकर गई। मेरी बिटिया की वजह से इस इंडस्ट्री में जा पाया। बेटी बहुत छोटी थी, उसके असाइनमेंट के लिए गए थे। फिर वहीं के हो गए। मुंबई की जर्नी आसान नहीं रही है। हमने वहां बहुत स्ट्रगल किया है। रिजेक्शन इस इंडस्ट्री का पार्ट है। इसलिए इस इंडस्ट्री में आने से पहले ही सोच लेना चाहिए कि पैशन आपमें होना चाहिए। स्ट्रगल हमारा भी रहा है, लेकिन कुछ न कुछ ऐसा है। जो हम आज तक वहीं रुके हुए हैं।
नरेन्द्र इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के साथ ऐड फिल्म कर चुके हैं।
नरेंद्र ने बताया- दरअसल बिटिया एक साल की थी, तब किड्स मॉडलिंग के प्रोजेक्ट आए थे। इसलिए हमें मुंबई के लिए मूव करना पड़ा। पहले तो डेली अपडाउन या बीच-बीच में आते जाते रहते थे। यह प्रोसेस बहुत लम्बा हो जाता था। ऐसे में उस वक्त हमने डिसाइड किया कि मुंबई में रहते हुए ही यह काम कर सकते हैं। अगर इस इंडस्ट्री में आना है। यहां फैमिली के साथ की शिफ्ट हो गए। यह हमारे लिए बहुत बड़ा डिसिजन था। कोई भी घर का सदस्य हमारे इस फैसले से खुश नहीं था।
लोगों को लगता था कि जयपुर में पूरी तरह सेटेल हैं। लाइफ अच्छी चल रही है। अचानक सब छोड़कर जाना कैसे सही रहेगा। लेकिन मैंने दिमाग में सोच लिया था कि शहर छोड़ना ही होगा। आज बिटिया भी फील्ड में है। एमेजन की अभी एक सीरीज की है, जिसमें वह लीड रोल में है। वाइफ भी एक्टिंग कर रही है। मैं 300 से ज्यादा कमर्शियल ऐड फिल्म और कई बड़ी फीचर फिल्में कर चुका हूं।
नरेन्द्र बेटी के लिए जयपुर को छोड़कर मुम्बई में बसे थे।
सवाल: आपने जयपुर के इनकम सोर्स को छोड़कर स्ट्रगल का रास्ता चुना, किस तरह का काम शुरू में मिला और किस तरह के रिजेक्शन झेले?
नरेन्द्र खत्री: जब हमने मुंबई शिफ्ट होने का प्लान किया तो कोई भी खुश नहीं था। लोग यही सोचते थे कि जयपुर में लाइफ सेटल हो गई है। क्यों अपना काम बंद कर जा रहा है। उस वक्त मेरा साथ मेरी पत्नी ने दिया। उन्होंने मेरा पूरा सपोर्ट किया। उन्होंने यही कहा- हम कर लेंगे। लेकिन मुंबई जाकर ही हमें आटे-दाल का भाव पता चला कि वह क्या होता है।
हमारी यह स्थिति थी कि लग्जरी लाइफ जीने वाले, ऑफिस के चैम्बर में बैठे रहने वाले हम अचानक सड़क पर थे। नई जिंदगी में आ गए थे। कहते हैं कि आपको किनारे का पता नहीं, लेकिन आप निकल पड़े हैं। कितने रिजेक्शन मिलेंगे, कब आप सफल होंगे। कब आपको अच्छा काम मिलेगा। इन चीजों को लेकर नेगेटिव नहीं सोचा। आपने सोच लिया कि करना ही है तो आपको कोई नहीं रोक सकता। बस आपमें उस कला का टैलेंट होना चाहिए। इसलिए मेरे दिमाग में था कि कर लेंगे। पांच महीने तक खूब ऑडिशन दिए। पहली फिल्म मुझे आमिर खान की पीके मिली। इसमें एक अहम रोल था, जो मैंने किया था। यहां से मेरा लैंडमार्क काम स्थापित हुआ।
सलमान खान के साथ नरेन्द्र ने फिल्म में काम किया है।
सवाल: आप कमर्शियल फिल्म के किंग कहे जाते हैं, नामचीन हस्तियों के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके हैं, यह दुनिया कैसी होती है?
नरेन्द्र खत्री: किंग तो नहीं बोलूंगा, बस इतना काम करने का मौका मिला। भगवान की दुआ है कि नामचीन कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर करने को मिली। मेहनत का फल मिलता है, यह यही सोच रही है। इतने बड़े कलाकारों के साथ हमने साथ में काम करने का मौका मिला, जिन्हें हम बचपन में देखा करते थे। जिन्हें हम एंजल की तरह मानते थे। जो अपने जादुई करिश्मे से हमारा मन मोह लिया करते थे, कभी नहीं सोचा कि इनके साथ काम कर पाएंगे।
इंडस्ट्री में आकर पता लगा कि ग्लेमर की दुनिया बाहर से अलग है। अंदर की दुनिया पूरी तरह अलग है। हर किसी की लाइफ जद्दोजहद से भरी हुई है। हर कोई अपने स्ट्रगल में व्यस्त है। मेरा मानना है कि यदि आपको आर्टिस्ट बनना है तो आपको आधा पागल बनना होगा और पैशेंस का होना जरूरी है।
नरेन्द्र जयपुर विजिट के दौरान राजस्थान स्टूडियो पहुंचे थे, यहां उन्होंने राजस्थान के आर्टिजंस के साथ संवाद किया था।
सवाल: रिजेक्शन की बात करें तो किस तरह का माहौल रहा है, कैसे इससे बाहर निकल पाते थे?
नरेन्द्र खत्री : आज भी वही माहौल है। आर्टिस्ट की जिंदगी स्ट्रगल से भरी हुई है। हर स्टेज पर अपना-अपना स्ट्रगल होता है। पहले किसी ओर चीज का स्ट्रगल होता था, आज किसी और चीज का स्ट्रगल रहता है। लाइफ में स्ट्रगल कभी खत्म नहीं होगा। बशर्ते आपकी भूख कब खत्म होती है। एक आर्टिस्ट की भूख कभी खत्म नहीं होती है, ऐसे में स्ट्रगल हमेशा चलता रहता है। उसके पीछे कारण हाेता है, कैमरे के पीछे हुए काम के बाद जब ऑडियंस का प्यार मिलता है, तो उससे एनर्जी मिलती है। वही एनर्जी आपकी खुराक बन जाती है, इससे आप नए और अच्छे काम की तलाश में लग जाते हैं। क्योंकि आपको पब्लिक का प्यार और चाहिए होता है।
[ad_2]
Source link