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अवैध फीस वसूली और कापी-किताबों सहित अन्य मामलों को लेकर जबलपुर कलेक्टर ने निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की तो अब स्कूलों के द्वारा बच्चों और अभिभावकों को प्रताड़ित कर बदला लिया जा रहा है। ताजा मामला पोलीपाथर स्थित सेंट अलोयसिस स्कूल का है जहां बुधवा
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बच्चे के अभिभावक देवाशीष ने बताया कि मंगलवार को सेंट अलोयसिस स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में एक नोटिफिकेशन जारी किया कि बुधवार 31 जुलाई से सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर मेन गेट बंद हो जाएगा। ऐसे में जो भी बच्चे लेट होते है तो उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। आज जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो मेन गेट बंद ना करते हुए कैंपस का वो गेट बंद कर दिया जहां से बच्चे क्लास रूम में जाते है। जिसके चलते सारे बच्चे ग्राउंड में खड़े हुए है। बच्चे के परिजन देवाशीष ने बताया कि मैदान में सैकड़ों बच्चे खड़े हुए है और स्कूल प्रबंधन गेट लगाकर अंदर केबिन में बैठा हुआ है। अगर किसी कारणवश भगदड़ की स्थिति बन गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। स्कूल प्रबंधन ने नोटिफिकेशन में पहले ही बोल चुका है कि 7 बजकर 20 मिनट के बाद बच्चे की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। परिजनों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने जो स्कूल फीस तय की है उसके अनुसार फीस नहीं ली जा रही है। अभिभावक जब जिला प्रशासन के आदेश का हवाला देते है तो उसका फ्रस्ट्रेशन निकाला जा रहा है।
7 बजकर 20 मिनट पर स्कूल कैंपस के अंदर आने वाले बच्चों को जब क्लास रूम में नहीं जाने दिया तो बच्चे रोने लगे,कुछ बच्चे ऐसे भी थे जो कि डर के कारण कांप रहे थे। परिजनों का कहना है कि अनुशासन के नाम पर जिला प्रशासन के कार्रवाई का बदला हमसे और बच्चों से लिया जा रहा है। क्लास 2 में पढ़ने वाला एक बच्चा इस कदर डर गया कि वह अपनी मां को छोड़ने को ही तैयार नहीं, बच्चे ने बताया कि लेट आने पर जमीन पर बैठाया जाता है, टीचर के द्वारा डाट लगाई जा रही है, इसलिए वह स्कूल नहीं जाएगा। कुछ इसी तरह की स्थिति एक सात साल की बच्ची की भी थी जो कि डर के कारण सहम गई थी। क्लास 4 में पढ़ने वाले एक बच्चे को परिवार वाले छोड़कर घर जा चुके थे, जब उसे स्कूल से बाहर कर दिया तो वह कांपने लगा, पास में ही मौजूद एक शख्स ने बच्चे को अपना मोबाइल दिया और घर पर बात करने को कहा। फोन पर बात करते हुए बच्चा कांप रहा था।
गौरी घाट में रहने वाला हरीश शर्मा ने बताया कि उनकी बच्ची 6 क्लास में पढ़ती है। ऑपरेशन होने के कारण वह बच्ची को स्कूल छोड़ने नहीं आ रहे थे। मंगलवार को जब बच्ची की मां स्कूल आई तो वह 10 मिनट लेट हो गई थी। प्रबंधन ने बच्ची को स्कूल के अंदर यह वार्निंग देते हुए किया कि आज के बाद दोबारा लेट ना हो, इसके बाद जब छात्रा क्लास में गई तो उसे जमीन पर बैठाया गया। हरीश ने बताया कि आज जब बच्ची को स्कूल चलने को कहा गया तो वह तैयार नहीं हुई और कहा कि मैं स्कूल नहीं जाउंगी, सब बच्चों के सामने इंसल्ट करते है और जमीन पर बैठाते है। जैसे-जैसे परिजनों को स्कूल प्रबंधन की हठधर्मिता की जानकारी लग रही थी, वैसे-वैसे परिजन स्कूल पहुंच रहे थे। सैकड़ों बच्चों के साथ जब अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए और हंगामा करना शुरू किया तो दबाव में आकर साढ़े आठ बजे बच्चों को स्कूल के अंदर किया गया।
सेंट अलोयसिस स्कूल पोलीपाथर में करीब ढाई हजार बच्चे पढ़ते है। स्कूल प्रबंधन ने मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी कर अचानक समय 7 बजकर 20 मिनट का किया और लेट आने वाले बच्चों को जमीन में बैठाया। स्कूल प्रबंधन से बात करने के लिए हमें तीन मोबाइल नंबर मिले। एक नंबर था स्कूल के अकाउंटन सचिन डासन का 9425361802 इनका कहना था कि मैं किसी काम से जबलपुर से बाहर हू, जबकि परिजनों का कहना था कि वह उस समय स्कूल में ही थे। इसके अलावा स्कूल का नंबर 8319638213 इस पर फोन लगाकर स्कूल प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश की, चार बार फोन लगाया गया पर रिसीव नहीं हुआ। स्कूल के वाइस प्रिंसिपल के मोबाइल नंबर 7614037457 पर काॅल किया पर यह फोन भी रिसीव नहीं हुआ। परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन का कहना है कि टीसी लेकर किसी और स्कूल में एडमिशन करवा लो।
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