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दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद एक तरफ यूपीएससी स्टूडेंट्स का गुस्सा भड़क गया है। घटना के बाद से ही स्टूडेंट्स ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। वहीं दिल्ली में कोचिंग हादसे के बाद मंगलवार को जयपुर में भी स्टूडेंट्स ने कैंडल मार्च निकाला। रिद्धि सिद्धि चौराहे पर
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छात्र मुकेश प्रजापत ने बताया कि दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद देशभर में स्टूडेंट्स की ओर से विरोध किया जा रहा है। ऐसे में स्टूडेंट्स को समर्थन देने के लिए और छात्र शक्ति दिखाने के उद्देश्य से जयपुर में कोचिंग स्टूडेंट्स ने कैंडल मार्च निकाला। इस कैंडल मार्च की खास बात रही कि यह किसी भी संगठन के बैनर के नेतृत्व में नहीं निकालकर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट ने सामूहिक रूप से निकला।
स्टूडेंट्स सेफ्टी की मांग
स्टूडेंट मुकेश प्रजापत ने बताया कि हमारा यह कैंडल मार्च विभिन्न मुद्दों को लेकर निकाला गया। जिसमें मुख्य मुद्दा स्टूडेंट की सेफ्टी को लेकर है। प्रतियोगिता परीक्षाओ की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए फिर चाहे वह एससी की तैयारी हो या आरएएस, आईएएस या अन्य परीक्षा की तैयारी हो, सभी कोचिंग संस्थानों में सेफ्टी मेजर पॉइंट होना चाहिए। कोचिंग संस्थान में सिटिंग के लिए फिक्स सीट व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मकान मालिक और टिफिन व्यवस्था को लेकर के भी सरकार को कानून बनना चाहिए। कुछ मकान मालिक मनमाने तरीके से मकान का किराया वसूल करते हैं। एसे में सरकार को एक बिल लाना चाहिए। जिससे मकान मालिकों को किराया नगद राशि के रूप में ना लेकर डिजिटल फॉर्मेट में देने की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि उनकी इनकम का सरकार को जानकारी लगे और टैक्स से जुड़ी व्यवस्था हो। वहीं फूड सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए टिफिन व्यवस्था में फूड सेफ्टी का ध्यान रखा जाना चाहिए, साथ ही टिफिन के प्राइस को भी कंट्रोल किया जाना चाहिए।
वूमेन सिक्योरिटी की हो पुख्ता व्यवस्था
यूपीएससी की तैयारी कर रही श्रुति माहेश्वरी ने बताया- मैं 1 साल से यूपीएससी की तैयारी कर रही हूं लेकिन कोचिंग सेंटर में वूमेंस की सेफ्टी मेजर्स नहीं होते है। यहां ना तो अलग से पार्किंग व्यवस्था होती, बल्कि यहां बैंक और जो अन्य संस्थान होते हैं उन सबकी जॉइंट पार्किंग होती है। मुझे कई बार पार्किंग में ऐसा लगता है कि कोई वॉच कर रहा है ऐसे में वूमेन सिक्योरिटी को विशेष तौर पर देखा जाए।
इंस्टीट्यूट में बच्चों का ना हो शोषण
यूपीएससी की तैयारी करें नीरज कुमार ने बताया- हमारा इस मुद्दे को कहीं भी राजनीतिक रूप देने का मन नहीं है। पेरेंट्स हमें पढ़ाने के लिए बड़ी मुश्किल से पैसा जुटा पाते हैं। ज्यादातर इंस्टीट्यूट में मिडिल क्लास और गरीब फैमिली के बच्चे भी पढ़ते हैं। हमारे से रिक्वेस्ट है कोचिंग संस्थानों से मकान मालिकों से की ऐसे बच्चों का शोषण ना हो बल्कि उन्हें इमोशनली सपोर्ट मिले।
शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो तो कोचिंग की जरूरत नहीं
वहीं अन्य छात्र ने कहा- सरकारें साई रहती है, हादसा हुआ तो सरकार जाग गई है, लेकिन फिर मामले जस के तह हो जाते है। जब आग लग जाती है तब कुंआ खोदने की बात करती है। जब यह मामला हुआ है तो सरकार सिर्फ एक दो कार्रवाई करके दिखा रही है। लेकिन नियमित कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने कहा यदि शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो तो कोचिंग की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा एक कमेटी बने और ऐसे मामलों की जांच करें।
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