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बांग्लादेश की सत्ताधारी अवामी लीग की 14 पार्टियों के गठबंधन ने कट्टरपंथी संगठन जमात ए इस्लामी पर बैन लगाने का फैसला लिया है. इस फैसले में ये भी कहा गया है कि जमात के साथ-साथ इसकी छात्र शाखा छात्र शिबिर पर बैन लगाया जाएगा.
जमात ए इस्लामी और छात्र शिबिर पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश में हुए छात्र प्रदर्शन को हाईजैक किया और हिंसा फैलाई, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI समर्थित जमात ए इस्लामी ने छात्र प्रदर्शन को अगवा कर लिया था, जिस कारण आगजनी और हिंसा हुई.
बीती रात 29 जुलाई को बांग्लादेशी प्रधानमंत्री आवास पर बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की. इस बैठक में गठबंधन की सभी 14 पार्टियों के नेता मौजूद रहे.
इस बैठक के बाद अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने जानकारी दी कि गठबंधन ने जमात-शिबिर पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति जताई है. सबका कहना था कि जमात ए इस्लामी ने आम लोगों की हत्या करने और विभिन्न मुद्दों को भड़काकर आतंकवादी हमले कर राज्य की संपत्ति को नष्ट किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओबैदुल कादर ने कहा की बीएनपी और जमात देश में आतंकवाद फैलाने की साजिश कर रहे हैं और गठबंधन के 14 दलों ने सर्वसम्मति के साथ बुरी ताकतों को खत्म करने के लिए जमात – शिबिर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
बता दें कि पहले जमात को बांग्लादेश के चुनाव में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. जमात ए इस्लामी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का विरोध किया था. 1971 में जमात ए इस्लामी ने पाकिस्तान सेना का साथ दिया. 2018 के अक्टूबर में हाई कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने जमात ए इस्लामी का रजिस्ट्रेशन बांग्लादेश के चुनाव से रद्द कर दिया था.
Published at : 30 Jul 2024 01:48 PM (IST)
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