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Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए अब भारत और भी कोशिश करेगा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कुछ इस तरह के संकेत दिए हैं. जयशंकर ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत, रूस और यूक्रेन के साथ और भी गहरा संबंध रखेगा, क्योंकि दोनों पक्षों से बातचीत के लिए संबंध दुरुस्त होना जरूरी है. विदेश मंत्री ने कहा कि दो देशों के संघर्ष सुलझाने में संबंध का दुरुस्त रहना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अगले महीने पीएम मोदी यूक्रेन दौरे पर जाने वाले हैं. इससे पहले मोदी मास्को का दौरा कर चुके हैं और वहां पर राष्ट्रपित व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं.
जयशंकर ने कहा कि भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि किसी भी संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता है. विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के किसी भी कोने में स्थिति को उसी हालत में छोड़ देना और दुनिया के अन्य भागों में होने वाली घटनाओं का इंतजार करना गलत निर्णय है. हमें समाधान खोजने के लिए कदम उठाने चाहिए. ‘हम मानते हैं कि हमें वहां अधिक कदम उठाने चाहिए.’ जापान के राष्ट्रीय प्रेस क्लब में एक चर्चा के दौरान जयशंकर ने ये बातें कही.
युद्ध विराम के लिए भारत कर रहा अधिक प्रयास
विदेश मंत्री से जब सवाल किया गया कि अगले महीने क्या पीएम मोदी यूक्रेन जाएंगे? इसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि ‘मैं उम्मीद कर सकता हूं कि हम रूस और यूक्रेन से अधिक संपर्क करेंगे.’ हम किसी भी सरकार की तरह सही समय पर सही माध्यमों से अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं. हम मानते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है.
रूस-यूक्रेन के संपर्क में है भारत
विदेश मंत्री ने कहा कि हमें संघर्ष को मौजूदा हालत में छोड़ना नहीं चाहिए. हालत की गंभीरता को देखते हुए भारत, रूस और यूक्रेन दोनों के संपर्क में है. क्योंकि बहुत से देश दोनों देशों से बात नहीं कर रहे हैं. भारत का मानना है कि हम जो भी कुछ कर सकते हैं वो करेंगे, जिससे दोनों देशों को युद्ध के मैदान से निकालकर बातचीत की टेबल पर लाया जा सके.
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