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अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लिए जिस खनन क्षेत्र भरतपुर के बंशी पहाड़पुर से पत्थर गया, वहां पर्यावरण शर्तों की घोर अवहेलना हो रही है। जिस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है। दिलचस्प बात ये है कि क्षेत्र की चालू स्थिति
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एक साल में छह गुना उत्पादन
अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर में बंशी पहाड़पुर का पिंक और बलुआ पत्थर करीब 4 लाख घन फीट इस्तेमाल हुआ है। पत्थर की डिमांड अभी भी कॉरिडोर के लिए जारी है। इसलिए लीजधारकों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। मसलन, 26 लीजों द्वारा वर्ष 2022-23 में 51 हजार 462 मीट्रिक टन उत्पादन किया गया, जबकि 2023-24 में 6 गुना ज्यादा 3 लाख 11 हजार 413 मीट्रिक टन पत्थर का उत्पादन किया गया।
इन लीजों पर लगा जुर्माना
लीजधारक दीपराज सिंह की 2, अनिल कांतिप्रसाद की 4, देवदशरथ रायल्टीज प्राइवेट लिमिटेड की 4, आरबी डिस्ट्रीब्यूटर्स की 2, पंकज तिवारी की 2, जगत चौधरी, कपिल अग्रवाल, जय गिर्राज स्टोन, कान्हा स्टोन सप्लायर्स, कृष्णा एसोसिएट, मधुकर मालवीय, एसएस ग्रुप, केके गुप्ता कंस्ट्रक्शन, शिवशंकर स्टोन, फौजदार कंस्ट्रक्शन, इंडिया ई हब सर्विसेज, श्याम रोलिंग मिल, सनलाइट मिनरल्स पर जुर्माना लगाया गया है।
इन शर्तों का किया उल्लंघन
1. पानी का छिड़काव नहीं किया जाता। 2. वायु गुणवत्ता अन्वेषण मशीनें नहीं लगाईं। 3. फॉरेस्ट एरिया का चिन्हीकरण नहीं किया। 4. खनन डिमार्केशन पिलर नहीं थे।
“जो नोटिस मिले हैं, उनकी कंप्लाइंस कर दी गई थी। मशीनें लगा दीं। फिर भी भारी भरकम पेनल्टी लगाई है। रिव्यू के लिए लिखा है। अन्यथा न्यायालय की शरण लेंगे।”
– दीपराज सिंह, अध्यक्ष, बंशी पहाडपुर माइनिंग सोसाइटी
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