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कावड़ यात्रा में केसरिया परिधान पहने महिलाएं।
भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान भीलवाड़ा शहर में जिले की सबसे बड़ी विशाल कावड़ यात्रा आज निकाली गई हैं। कावड़ यात्रा में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष कंधे पर कावड़ लेकर चले। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की
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कावड़ यात्रा में हुई महाकाल की आरती
कावड़ यात्रा का जेसीबी और ड्रोन के माध्यम से जगह-जगह पुष्प वर्षा करके भव्य स्वागत किया गया। लेबर कॉलोनी स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर से सावन के दुसरे सोमवार को बैंडबाजे के साथ कावड़ यात्रा शुरू हुई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए हरनी महादेव मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई।
महाकाल के शर्ट पहने युवा
जयभोले कावड़ यात्रा के संयोजक व पार्षद जितेंद्र सिंह राजावत ने कहा- जय भोले कावड़ यात्रा लगातार 3 सालों से भीलवाड़ा में निकाली जा रही है यह यात्रा भीलवाड़ा की सबसे बड़ी कावड़ यात्रा है। जिसमें बड़ी तादाद में पुरुष और महिला शामिल होती है। इस यात्रा में 800 महिलाएं और 700 पुरूष शामिल हैं। यह यात्रा भीलवाड़ा शहर के नर्मदेश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुई, जो भीलवाड़ा के मुख्य मार्गों से होते हुए हरणी महादेव मंदिर में सम्पन्न हुई। यहां सभी शिव भक्तों द्वारा गंगाजल से जलाभिषेक किया।
जेसीबी से कावड़ यात्रा पर फूल बरसाते हुए
यात्रा में जयपुर से आए 4 गजराजों, दिल्ली के 18 सदस्यीय दल ने बारात के रूप में अघोर महाकाल, बाहुबली हनुमान, अघोरी, माता महाकाली बनकर प्रस्तुति दी हैं। उज्जैन से भस्म रमैया भक्त मंडली के कलाकार ढोल-ताशा व डमरू बजाते हुए जाकिया लगाई गई है। गुरुकृपा बैंड की प्रस्तुति आकर्षण रही। यात्रा के साथ ट्रेलर पर कलाकार कावड़ यात्रियों पर 4 जेसीबी व ड्रोन स पुष्पवर्षा 500 किलो गुलाब के पुष्कर से मंगाए फूल बरसाए गए है।
कावड़ यात्रा में आकर्षण का केंद्र भूतनाथ की झांकी
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