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यमुना जल समझौते के तहत राजस्थान को अतिरिक्त पानी ही मिलेगा। पहले हरियाणा अपने हिस्से का पानी लेगा। उसके बाद अगर अतिरिक्त पानी बचता है तो उसे अन्य राज्यों को दिया जाएगा। यह बात आज एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दोहराई हैं।
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इससे पहले भी मुख्यमंत्री के तौर पर खट्टर ने हरियाणा की विधानसभा में इस बात को कहा था। आज जयपुर में केन्द्रीय बजट को लेकर प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि पूरे हरियाणा को पानी की सप्लाई हथनी कुंड बैराज से ही होती हैं। हरियाणा के पास पानी का दूसरा सोर्स नहीं हैं।
ऐसे में समझौते के तहत पहले हरियाणा अपने हिस्से का 24 हज़ार क्यूसेक पानी लेगा। उसके बाद अगर अतिरिक्त पानी बचता है तो अन्य राज्यों को मिलेगा।
यमुना जल समझौते पर भी सीएम भजनलाल शर्मा ने हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात करके उसे हल करने का दावा किया था।
यमुना जल समझौते में राजस्थान के हितों का नहीं रखा ध्यान
सीएम भजनलाल शर्मा ने हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ 17 फरवरी को तत्कालीन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री की मौजूदगी में यमुना जल समझौता किया था। जिसका श्रेय लगातार बीजेपी की सरकार ले रही हैं।
लेकिन कांग्रेस शुरू से ही इस समझौते को लेकर बीजेपी पर राजस्थान के हितों का ध्यान नहीं रखने का आरोप लगाती आई हैं। कांग्रेस का कहना है कि यमुना जल समझौते की शर्तें ठीक नहीं हैं। समझौते के अनुसार 24 हजार क्यूसेक पानी हरियाणा को पहले देने का कोई प्रावधान नहीं है। इस समझौते के अनुसार 5 राज्यों की स्थित बराबर है। लेकिन समझौते के तहत हरियाणा को मालिक बना दिया गया है। समझौते की शर्तें वापस ली जाएं।
लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि समझौते में राजस्थान को उसके हक का पूरा पानी मिलेगा। लेकिन आज एक बार फिर मनोहर लाल खट्टर ने साफ कर दिया है कि पहले हरियाणा अपने हिस्से का 24 हज़ार क्यूसेक पानी लेगा। उसके बाद अतिरिक्त पानी होने पर ही अन्य राज्यों को मिलेगा।
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