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नई दिल्ली26 मिनट पहले
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केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके साथ ही सरकार ने सब्सिडी को 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 778 करोड़ रुपए कर दिया है। हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 13 मार्च को इस स्कीम को लॉन्च किया था।
तब यह स्कीम 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 लागू की गई थी। यह योजना इलेक्ट्रिक टू व्हीलर, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर और ई-रिक्शा पर सब्सिडी देती है। इसमें इलेक्ट्रिक 4 व्हीलर्स को शामिल किए जाने की कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
टू व्हीलर्स के लिए सब्सिडी टारगेट बढ़ाकर 5,00,080 किया
सरकार ने EMPS में अब टू व्हीलर्स के लिए सब्सिडी देने का टारगेट बढ़ाकर 5,00,080 कर दिया है, जो पहले 3.37 लाख थी। वहीं, थ्री-व्हीलर के टारगेट को 41,306 से बढ़ाकर 60,709 और बड़े इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर के टारगेट को 25,238 से बढ़ाकर 47,119 कर दिया है। जबकि, इलेक्ट्रिक रिक्शा के टारगेट में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। सरकार अलग-अलग कैटेगिरी की इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 5000 रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से सब्सिडी दे रही है।
EV को बढ़ावा देने के लिए 2019 में केंद्र लाई थी FAME स्कीम
इससे पहले इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने 2019 में फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी FAME योजना शुरू की थी। इसके तहत इलेकट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन पर सब्सिडी दी जाती है।
फेम-1 योजना के तहत 800 करोड़ रुपए और 2022 में फेम-2 के लिए 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इसके बाद 20 फरवरी 2024 को इसे फेम-2 के लिए फाइनेंशियल आउटले को 1,500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपए कर दिया गया था। फेम-2 स्कीम के तहत 31 मार्च 2024 तक सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दी, जिसके बाद से EMPS के तहत सब्सिडी दी जा रही है।
2023 में 15.3 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकीं
देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड और सेल्स तेजी से बढ़ी है। खास तौर पर दोपहिया और तिपहिया सेग्मेंट में ज्यादा ग्रोथ देखने को मिली है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कुल सेल्स 2023 में 15.30 लाख यूनिट तक पहुंच गई है, जो 2022 में 10.2 लाख थी।
2-3 साल में पेट्रोल और EV टू-व्हीलर के बराबर होगी कीमत
फाडा के प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया कहते हैं कि पेट्रोल टू-व्हीलर निर्माता भी ई-दोपहिया के मॉडल बढ़ा रहे हैं। अभी इनकी हिस्सेदारी करीब 5% है। 2-3 साल में कई गुना बढ़ जाएगी। कीमतें भी घटकर पेट्रोल दोपहिया के करीब आ सकती हैं।
वहीं आल्टियस ईवी-टेक के फाउंडर राजीव अरोरा के अनुसार ई-दोपहिया की कीमत में 40% से ज्यादा लागत बैटरी की होती है। 5-6 माह में चाइनीज बैटरी की कीमतों में करीब 40% से 50% तक कमी आई है। इससे हमने पूरी प्रोडक्ट की रेंज की कीमतें 15% तक घटा दी हैं।
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