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पचमढ़ी में पीडब्ल्यूडी ने बिना अनुमति हवाई पट्टी की लंबाई बढ़ाने के लिए टाइगर रिजर्व ईको सेंसेटिव जोन से खिलवाड़ किया और डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर दिए। एनजीटी काेर्ट की रोक के बाद अब पीडब्ल्यूडी ने यू-टर्न लेते हुए हवाई पट्टी के जीर्णोद्धार के लिए 47
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यानी पचमढ़ी में मिनी एयरपोर्ट नहीं बनेगा। दरअसल, पचमढ़ी में काफी पुरानी 1200 मीटर की हवाई पट्टी काे 1800 मीटर कर हेलीपेड निर्माण और छोटे हवाई अड्डे के रूप में विस्तार देने निर्माण कराया गया था। छिंदवाड़ा निवासी कैप्टन ब्रजेश भारद्वाज ने ईको सेंसेटिव टाइगर रिजर्व क्षेत्र में निर्माण पर आपत्ति लेकर लिखित शिकायत केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों काे भेजी। मामला एनजीटी काेर्ट दिल्ली ने संज्ञान में लिया और निर्माण पर रोक लगा दी।
फिलहाल हवाई पट्टी के विस्तार का काम बंद हैं। शिकायत के बाद एनजीटी की जांच चल रही है। निर्माण के पहले पीडब्ल्यूडी काे टाइगर रिजर्व ईको सेंसेटिव जोन के लिए जाे अनुमतियां लेनी चाहिए वह पहले नहीं ली गई थी। आवश्यक अनुमतियां पीडब्ल्यूडी काे निर्माण शुरू कराए जाने के पहले लेने के लिए कहा गया है। –एल कृष्णमूर्ति, क्षेत्र संचालक एसटीआर
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