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भरतपुर जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में पहले से ही शिक्षकों के 70 पद खाली हैं। फिर भी यहां से 2 एसोसिएट प्रोफेसर सवाईमाधोपुर मेडिकल कॉलेज को शुरू करने के लिए लगा दिए हैं। प्रोफेसर सहित अन्य कमियों को लेकर पिछले महीने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने म
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राजमेस मेडिकल कॉलेजों के खाली पदों पर नियुक्ति करने में फेल साबित हुआ है। अब सवाईमाधोपुर, बारां, नागौर, बांसवाड़ा और झुंझुनूं मेडिकल कॉलेज को शुरू करने के लिए एनएमसी से मान्यता लेनी है। इसलिए दूसरे मेडिकल कॉलेजों से नियुक्ति कर फैकल्टी को पूरा किया जा रहा है। बुधवार को एक आदेश जारी कर सवाईमाधोपुर मेडिकल कॉलेज में भरतपुर मेडिकल कॉलेज, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज व राजमेस मुख्यालय से 9 फैकल्टी का पदस्थापन किया है, जिसमें भरतपुर मेडिकल कॉलेज से दो एसोसिएट प्रोफेसरों सवाईमाधोपुर में लगाए गए हैं। इसी प्रकार बारां में झालावाड़ से 14 फैकल्टी लगाई हैं। ऐसी ही जोड़तोड़ कर भरतपुर मेडिकल कॉलेज शुरू किया गया, लेकिन अभी तक यहां फैकल्टी पूरी नहीं हो पाई हैं।
राजमेस आरएमसीटीए वेलफेयर सोसायटी के सचिव डॉ. हिमांशु गोयल का कहना है कि 70 फैकल्टी कम होते हुए भी भरतपुर से दो एसोसिएट प्रोफेसर सवाई माधोपुर में लगा दिया है। राजमेस के निदेशक ने 24 जुलाई का आदेश जारी कर भरतपुर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत पैथोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. माधुरी अग्रवाल व पीएसएम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपक चौधरी को को सवाई माधोपुर लगा दिया है। इसी प्रकार झालावाड़ से एनाटॅामी प्रोफेसर डॉ. हेमलता शर्मा, बायोकेमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप्ति गौतम, पीएसएम के प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार गुप्ता, राजमेस मुख्यालय से एनाटॅामी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनीष देव शर्मा, फिजियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार चतुर्वेदी, माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भगवती चंदावत, पीएसएम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लोकेश सोंकरिया को सवाई माधोपुर मेडिकल कॉलेज पदस्थापित किया गया है।
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