[ad_1]
विधानसभा में शुक्रवार रात यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रदेश में ऑनलाइन पट्टे मिलेंगे। जयपुर में टोंक रोड को 250 मीटर चौड़ा नहीं किया जाएगा। साथ ही सफाईकर्मियों की भर्ती के नए नियम बनेंगे।
.
स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांगों पर जवाब देते हुए यूडीएच मंत्री ने कहा कि हम आने वाले दिनों में ऐसी पारदर्शी योजना लेकर आएंगे। जिसमें नगरीय निकाय क्षेत्र में पट्टे के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के 30 दिन में पट्टा मिलेगा। वहीं अगर आवेदन निरस्त होता है तो कारण सहित आवेदनकर्ता को सूचित किया जाएगा।
आवेदन में कोई कमी है तो एक सप्ताह के अंदर अधिकारी ऑनलाइन ही आवेदनकर्ता को सूचित करेगा। इसके बाद भी अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसका आवेदन गलत तरीके से निरस्त किया गया है। तो उसके लिए नगरीय निकाय के अधिकारियों के अलावा एक प्रशासनिक कमेटी गठित होगी। जिसमें आवेदनकर्ता अपील कर सकेगा। अगर कमेटी यह जांच करेगी कि गलत तरीके से पट्टे का आवेदन निरस्त किया गया है तो संबंधित कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
टोंक रोड को 250 मीटर चौड़ा करने की योजना से खर्रा का इनकार
टोंक रोड को 250 मीटर चौड़ा करने और इसके लिए होने वाली बड़ी तोड़फोड़ से यूडीएच मंत्री ने इनकार कर दिया है। अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देते हुए खर्रा ने कहा- वरिष्ठ सदस्य ने टोंक रोड को लेकर चर्चा की थी। मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि फिलहाल इस तरह की कोई योजना नहीं है। जब तक यह विभाग मेरे पास है,तब तक इस तरह की कोई योजना नहीं आएगी।
सराफ ने कहा था- टोंक रोड 250 मीटर चौड़ा किया तो 5000 मकान टूटेंगे
अनुदान मांगों पर बहस के दौरान भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा था कि टोंक रोड को 250 मीटर चौड़ा करने की योजना को हम कामयाब नहीं होने देंगे। टोंक रोड 250 मीटर चौड़ी हुई पांच हजार मकान टूटेंगे। एसी में बैठकर अफसरों ने फैसला ले लिया, हम जनप्रतिनिधि हैं, ये फैसला लागू नहीं होने देंगे। जेएलएन मार्ग भी 250 मीटर चौड़ा नहीं है तो टोंक रोड पर ऐसा क्यों?
यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा- सफाईकर्मी भर्ती में निजी संस्थाओं की ओर से जारी प्रमाण-पत्र को भी मान्य कर दिया गया। यहीं से पूरी प्रक्रिया दूषित हो गई।
प्रदेश में सफाईकर्मी भर्ती के नए नियम बनेंगे
मंत्री खर्रा ने कहा कि प्रदेश में सफाईकर्मी भर्ती के नए नियम बनेंगे। हम ऐसे नियम बनाएंगे। जिसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता हूं। लेकिन सब जानते है कि पहले सफाईकर्मी भर्ती में शामिल होने के लिए नगरीय निकाय क्षेत्र में दो साल के कार्य का अनुभव होना आवश्यक था। जिसे बाद में एक साल कर दिया गया। फिर उसमें निजी संस्थाओं की ओर से जारी प्रमाण-पत्र को भी मान्य कर दिया गया। यहीं से पूरी प्रक्रिया दूषित हो गई।
आज सदन में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने मांग की थी कि पहले की तरह से वाल्मीकि समाज के लोगों के लिए सफाईकर्मी भर्ती आरक्षित की जाए। क्योंकि अन्य समाज के व्यक्ति शामिल तो हो जाते हैं, लेकिन वह सफाई का काम नहीं करते हैं। वे सिफारिश करवाकर ऑफिस में अपनी ड्यूटी लगा लेते हैं।
5 साल से ज्यादा कोई डेपुटेशन पर नहीं रहेगा
खर्रा ने कहा कि अब यूडीएच में 5 साल से ज्यादा कोई डेपुटेशन पर नहीं रहेगा। 5 साल से ज्यादा डेपुटेशन पर लगे कर्मचारियों को तत्काल मूल विभाग में भेजा जाएगा।
कोई भी कर्मचारी 3 साल से ज्यादा एक शाखा में नहीं रहेगा। तीन साल से ज्यादा समय एक शाखा में लगे कर्मचारियों को बदला जाएगा। खर्रा ने विधानसभा में हंगामे पर तंज कसते हुए कहा कि मैं तो ग्रामीण बैकग्राउंड से आता हूं। पंचायतीराज से राजनीति शुरू की है। विधानसभा से ज्यादा अनुशासन तो पंचायत समिति में होता है।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा विधानसभा में यूडीएच विभाग की अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देते हुए।
हम एक इंच जमीन भी अतिक्रमी के हाथ में नहीं लगने देंगे
खर्रा ने कहा कि नगरीय निकायों की एक इंच जमीन भी अतिक्रमियों के हाथ नहीं लगने देंगे। अभी नागौर में कुछ दिन पहले ही 30 बीघा जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराकर नगर परिषद ने कब्जे में ली थी। हम पूरे राजस्थान में निकाय की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करवाएंगे। सेक्टर रोड की समस्या का समाधान किया जाएगा।
[ad_2]
Source link