जनपद की समस्याओं के निराकरण हेतु भाकपा के प्रतिनिधिमंडल द्वारा डीएम को दिया गया पत्रक।
जनपद को सूखा घोषित करने, अघोषित बिजली कटौती पर रोक लगाने व यातायात को सुगम बनाने के लिए विभिन्न सड़कों को तत्काल दुरुस्त करने सहित ग्यारह बिंदुओं के समाधान हेतु भाकपा प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को लिखित पत्रक देकर तत्काल कार्रवाई की मांग किया।
सोनभद्र, शुक्रवार को किसानों, मजदूरों और जनपद की आम समस्याओं को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पर पहुंच कर मौके पर मौजूद अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) को जिलाधिकारी के नाम संबोधित लिखित पत्र दिया और अवगत कराया कि वृहद क्षेत्रफल को समेटे जनपद सोनभद्र का अधिकांश क्षेत्रफल वन और पहाड़ी, पठारी, उसर व बंजर है और यहां के लोग अपनी खेती अपने श्रम और प्रकृति पर निर्भर होकर करते हैं और इसी खेती से अपना व अपने परिवार का जीवकोपार्जन चलाते हैं। जहां देश में लगातार बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी की भयावह स्थिति बनी हुई वहीं जनपद में इस वर्ष अनुमानित वर्षा न हो पाने से किसानों, खेतिहरों और खेत मजदूरों की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है, समय गुजरता जा रहा है यहां खेती बाड़ी सब चौपट की स्थिति में है जनपद के कई क्षेत्रों में समय से धान का रोपण भी नहीं हो पाया है। जहां जनपद में किसानों के लिए पर्याप्त बिजली व सिंचाई के संसाधन भी नहीं है वहीं अनुमानित वर्षा की आस में यह जुलाई का माह भी गुजरने वाला है। सरकार की ग़लत नीतियों के चलते सूबे को सबसे अधिक राजस्व देने के साथ खनिज संपदा से भरपूर और तमाम कल कारखाने स्थापित वाले इस आदिवासी बाहुल्य जनपद में बेरोज़गारी और विभिन्न क्षेत्रों में बिजली , पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं और संसाधनों का आज भी टोटा है , जिसके चलते यहां के लोग अन्य शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और जैसे तैसे अपनी जिंदगी को गुजर बसर कर रहे हैं । आदिवासी बाहुल्य व नक्सल प्रभावित वाले इस जनपद के किसानों , मजदूरों, नौजवानों को तमाम दिक्कतों का प्रतिदिन सामना करना पड़ रहा है,लोगों में शासन/प्रशासन के प्रति आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है और इस शांतप्रिय जनपद की स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है , लोग कभी भी सड़क पर उतर सकते हैं, उक्त स्थिति का समय रहते समाधान होना नितांत आवश्यक है।
प्रमुख मांगे :-
१- किसानों और खेतिहर मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए जनपद सोनभद्र को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और किसानों,खेत मजदूरों को राहत दिलाया जाए व सहकारी समितियों को दुरुस्त रखते हुए किसानों को सहुलियत के साथ खाद, बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।
२- जनपद सोनभद्र में विकास में अवरुद्ध अघोषित बिजली कटौती बंद हो , ग्रामीण और शहरी सभी क्षेत्रों में कम से कम 20 से 22 घंटे बिजली उपलब्ध अनिवार्य कराया जाए और नक्सल प्रभावित क्षेत्र चकरिया सब स्टेशन को तत्काल चालू किया जाए।
३- जनपद की सिंगल लाइफ लाइन कही जाने वाली वाराणसी – शक्तिनगर राजमार्ग पर प्रतिदिन लाखों की वसूली के बावजूद इस राजमार्ग पर जगह जगह गड्ढे, रंगाई पोताई , दोनों छोर की पटरी की साफ-सफाई, निर्देशन बोर्ड, लाईट और सुलभ शौचालयों आदि के खस्ताहाल को तत्काल प्रभाव से चुस्त-दुरुस्त करवाया जाए।
४- जनपद के आवादी बाहुल्य वाले विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने वाले मुख्य/संपर्क मार्ग जैसे तेलगुड़वा बायां कोन विंढमगंज मार्ग, पटवध – बसूहारी मार्ग, मारकुंडी – करगरा मार्ग, चोपन – भरहरी मार्ग आदि मुख्य संपर्क मार्गो का लंबे समय से बहुत बुरा हाल है, जगह जगह जानलेवा गड्ढे हो गए हैं और आए दिन लोगों की गंभीर दुर्घटनाएं होती है, इन मार्गों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सड़कों को भी तत्काल चुस्त दुरुस्त कराया जाए और लोगों को आवागमन की कठिनाइयों से राहत दिलाया जाए।
५- जनपद में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तैयार “ट्रामा सेंटर” को चालू कराया जाए और मच्छर जनित रोगों से मुक्ति के लिए जनपद के सभी क्षेत्रों में दवाओं का छिड़काव करवाया जाए।
६- जनपद में हर साल आकाशीय बिजली से दर्जनों जान-माल की होती क्षति को कम करने के लिए जनपद के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में तड़ीत चालक यंत्र लगवाये जाएं।
७- जनपद के गिट्टी/बालू/मोरम खनन क्षेत्र और जगह जगह बालू भंडारन वाले स्थान पर भी रोक के बावजूद चल रही जेसीबी, पोकलेन जैसी मशीनों को जब्त कर खनन ठेकदार पर कार्रवाई किया जाए और ट्रकों पर लोडिंग का कार्य मजदूरों से कराया जाए और अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार दिलाया जाए।
८- जनपद में वनाधिकार कानून का मुस्तैदी से पालन कराते हुए आदिवासियों, गरीबों व भूमिहीनों को उसका लाभ दिलाया जाए।
९- जनपद में अभी भी लोगों को अपने आधार कार्ड को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अतः आधार कार्ड बनाने और उसके संसोधन के लिए ब्लाकवार काउंटर और कैम्प की व्यवस्था की जाए।
१०- सोन नदी और मारकुंडी घाटी के मध्य स्थित पटवध, कुरहुल , करगरा, कनछ, कन्हौरा आदि सभी गांवों को नवसृजित तहसील ओबरा से हटाकर पहले जैसे ही राबर्ट्सगंज तहसील में किया जाय।
११- जनपद के सौंदर्यीकरण और लोगों के सुलभ यातायात की दृष्टि से डाला शहीद स्मारक के पास ओवरब्रिज, डाला वैष्णो मंदिर ( बग्घानाला) ओवरब्रिज , चोपन सोन नदी के दोनों पुल और मारकुंडी घाटी के दोनों साइड के रास्तों पर प्रकाश/ सोलर लाइट की व्यवस्था किया जाए।
उक्त समस्याओं के प्रति तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी आम जनमानस को लामबंद करते हुए बड़े पैमाने आंदोलन करेगी।
इस दौरान भाकपा के प्रतिनिधिमंडल में कामरेड आर के शर्मा, कामरेड प्रेम चंद्र गुप्ता, कामरेड देव कुमार विश्वकर्मा, कामरेड अमर नाथ सूर्य, कामरेड हृदय नारायण व कामरेड लीलाधर उर्फ संदीप आदि मौजूद रहे।