[ad_1]
बेटी हो या बेटा, उसे देश सेवा में ही भेजेंगे। ये शब्द थे मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के घुघरियाखेड़ी गांव के शहीद लांस नायक राजेंद्र यादव के। 25 साल पहले जब जंग का बुलावा आया तो उन्होंने अपनी पत्नी प्रतिभा यादव से युद्ध के लिए रवाना होने से पहले कहा था
.
26 जुलाई को कारगिल विजय के 25 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर हम याद कर रहे हैं शहीद लांस नायक राजेंद्र यादव को…
बेटी बोली, मुझे पापा जैसे आर्मी में जाना है
प्रतिभा यादव बताती हैं- 13 मई को जब वो जाने वाले थे, वो बोल कर गए थे कि बेटा हो या बेटी। हमने वर्दी देश की रक्षा करने के लिए पहनी है और जंग छिड़ चुकी है। अब जिंदा आऊं या फिर तिरंगे में लिपट के आऊं। वो ये बोलते थे कि एक सैनिक का सबसे बड़ा सपना यही होता है कि वह देश पर अपना सर्वोच्च न्यौछावर कर दे। वो बोल कर गए थे, अपना बच्चा जो भी हो, उसे आर्मी में ही भेजना। कोशिश यही करना कि बच्चे का आर्मी में सिलेक्शन हो।
बेटी को फौज में भेजने का है सपना
उन्होंने कहा, ये मेरा बड़ा फैसला है कि बेटी को भी आर्मी में देश की सेवा के लिए भेजना है। मेरे पति ने बहुत छोटी उम्र में देश सेवा करते हुए अपना सर्वस्व बलिदान दे दिया। मैं भी चाहूंगी कि उनका सपना पूरा करूं। उनका था सपना जरूर पूरा करूंगी। अगर बेटी (मेघा यादव) का एसएसबी में हो जाता है तो मैं ज़रूर उसे आर्मी में भेजूंगी।
गांव में घर बनाने वाले थे, जहां उनका स्मारक है
प्रतिभा यादव बताती हैं- पति कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। उनको गोली लगी थी। मेरी शादी को उस वक्त 2 ही साल हुए थे। 1997 में मेरी शादी हुई थी। शादी के दौरान वे पचमढ़ी मे थे। वहां से उनकी पोस्टिंग करगिल हो गई थी। वह 20 मार्च को छुट्टी पर आए हुए थे।13 मई को उनकी छुट्टी खत्म हो गई थी। उनके जाने से 3 दिन पहले ही पता चला था कि वो पापा बनने वाले हैं। तब उन्होंने कहा था कि हम देशसेवा के बाद गांव में ही छोटा सा घर बनाएंगे। उन्होंने इस जगह पर यह बात कही थी, जहां आज उनका शहीद स्मारक है। वे होराइजन में पति की प्रतिमा के पास पहुंचकर गर्व के साथ स्नेह व्यक्त करती है।
बेटी बोली, उनके नक्शे कदम पर चल आर्मी में जाना है
शहीद राजेंद्र यादव की बेटी मेघा लगभग 24 साल की हो चुकी है। NCC के अलावा कॉलेज स्तर की पढ़ाई कर चुकी है। NSB की प्रिपरेशन कर रही हैं। मेघा कहती है, मेरे पापा के सपने के लिए मैं आर्मी की तैयारी कर रही हूं। मेरे शुरुआत से ही पढ़ाई उसी के लिए रही है। आर्मी में जाना है, जैसे पापा ने देश की सेवा की है। वैसे ही मुझे भी करनी है। वैसे मम्मी आर्मी फैमिली के लिए कर ही रही है। मुझे भी उनके नक्शे कदम पर चलना है।
17 दिन बाद मिली शहादत की खबर
प्रतिभा बताती है एक राजा जैसे जंग पर जाता है। उसी तरह मेरे पति भी जंग पर जा रहे थे। उन्हें तिलक लगाकर विदा किया था। जब उनको गोली लगी तो मुझे पता नहीं था। 30 मई को गोली लगी थी। 17 दिन बाद 16 जून को उनका पार्थिव शरीर आया। तब पेपर में नाम आया था कि घुघरियाखेड़ी के राजेंद्र यादव शहीद हो गए हैं। तब पता चला। तब मैं महज 18 साल की थी। राजेंद्रजी के शहीद होने के 6 महीने बाद मेरी बेटी मेघा का जन्म हुआ था। बेटी भी बिल्कुल पिता पर गई है। उसने एनसीसी किया हुआ है और वो एसएसबी की तैयारी कर रही है।
समरसता मिशन में एमपी की संरक्षक हैं प्रतिभा
वे समरसता मिशन से भी जुड़ी हुई है। जो 12 राज्यों में है और उत्तराखंड के राज्यपाल उसके राष्ट्रीय संयोजक हैं। वह इस मिशन में मध्यप्रदेश की संरक्षक हैं। शहीद परिवारों के साथ उनकी मदद के मिशन में उनके साथ जुड़कर उनके घर, बच्चों का, माता-पिता का साथ देती है। उनका मानना है शहीद की पत्नी का शहीद के परिवार का दुख वही ज्यादा अच्छे से समझ सकता है जिस पर बीती हो।
हर साल अमर शहीद लांस नायक राजेंद्र यादव के शहीद स्मारक पर श्रंद्धाजलि सभा का आयोजन होता है।
शहीद स्मारक पर होगा श्रद्धांजलि कार्यक्रम
कारगिल विजय दिवस पर 26 जुलाई को घुघरियाखेड़ी में शाम 7 बजे अमर शहीद लांस नायक राजेंद्र यादव सेना मेडल के शहीद स्मारक पर श्रंद्धाजलि सभा का आयोजन होगा। इसमें वीर नारी प्रतिभा देवी यादव, वीर नारी संतोषी बघेल, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी खंडवा रिटायर्ड विंग कमांडर एम नासिर, जिला संयोजक खरगोन-बड़वानी रिटायर्ड कैप्टन सुरेश सिंह चौहान, पूर्व सैनिक व उनके परिजन शामिल होंगे।
[ad_2]
Source link