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विधायक लोबिन हेम्ब्रम और जेपी पटेल की विधायकी समाप्त
संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत दल-बदल के दोषी पाए जाने पर बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम और मांडू से बीजेपी विधायक जेपी पटेल की विधायकी समाप्त कर दी गई है।
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यह फैसला स्पीकर न्यायधिकरण ने सुनाया है। दो दिनों तक चली सुनवाई के बाद स्वीकर रबींद्रनाथ महतो ने बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद आज उन्होंने अपना फैसला सुना दिया है।
लोबिन हेंब्रम के खिलाफ शिबू सोरेन ने की थी शिकायत
दल-बदल मामले को लेकर दोनों ही विधायकों के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई गई थी। बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने पार्टी लाइन के खिलाफ जा कर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
उन्होंने अपनी पार्टी के प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ राजमहल लोकसभा से चुनाव लड़ा था। इसे लेकर जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद दल-बदल की शिकायत स्पीकर न्यायधिकरण में की थी।
अमर कुमार बाउरी ने की थी जेपी पटेल की शिकायत
इसी ऐन चुनाव के वक्त भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले जयप्रकाश पटेल को लेकर दल-बदल की शिकायत भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने की थी।
जयप्रकाश पटेल कांग्रेस ज्वाइन कर हजारीबाग लोकसभा से चुनाव लड़े थे। वहीं भाजपा ने हजारीबाग से मनोज जायसवाल को टिकट दिया था।
लिखित जवाब के चार घंटे बाद सुनाया फैसला
जानकारी के मुताबिक दो दिनों तक लगातार स्पीकर न्यायधिकरण दोनों विधायकों के दल-बदल मामले की सुनवाई चली। इस दौरान स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने वादी और प्रतिवादी की दलीलों को सुना।
जिसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों को आज गुरुवार को जवाब देने को कहा था। दोनों विधायकों की ओर से अपनी-अपनी दलील स्पीकर न्यायधिकरण को दिया गया। विधायकों की ओर से दिए गए जवाब के चार घंटे बाद स्पीकर ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों की सदस्यता रद्द कर दी।
जानें, दो दिनों की सुनवाई में क्या हुआ
दरअसल पार्टी से बगाबत कर चुनाव लड़ने के मामले में दोनों विधायकों के खिलाफ स्पीकर न्यायधिकरण में सुनवाई चल रही थी। बीते दो दिनों तक मामले की सुनवाई हुई। जहां सुनवाई के क्रम में विधायक जेपी पटेल को लेकर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने स्पीकर के सामने कहा कि जेपी पटेल बस इतना बता दें कि उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर हजारीबाग से चुनाव लड़ा था या नहीं।
इस पर विधायक जेपी पटेल की ओर से कहा गया कि मुझे इससे संबंधित याचिका की शिकायत अभी मिली है। ऐसे में मुझे अपना पक्ष रखने के लिए 90 दिनों का समय दिया जाए। जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया।
उधर लोबिन हेंब्रम के मामले में जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन ने पार्टी का पक्ष रखा। बताया कि लोबिन हेंब्रम पार्टी लाइन से बाहर जा कर पार्टी के खिलाफ ही लोकसभा चुनाव लड़ा। इसी वजह से उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई पार्टी ने की। अब इनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी जाए।
इसका जवाब देते हुए लोबिन हेंब्रम ने बताया कि पार्टी की ओर से निष्काषित किए जाने की कोई जानकारी नहीं है। मैंने सदन में हेमंत सोरेन के विश्वास मत हासिल करने के दौरान मतदान भी किया।
इसका सीधा मतलब है कि पार्टी मानती है कि मैं उनके साथ हूं। लोबिन ने एक अन्य जानकारी स्पीकर को देते हुए बताया कि वे 1995 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं, तब पार्टी ने उन्हें नहीं निकाला था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार 12 बजे तक जवाब देने को कहा था।
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