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UAE- China Joint Exercises: यूएई और चीन की वायुसेना इन दिनों चीन में युद्धाभ्यास कर रही हैं, जिसने भारत (INDIA) की टेंशन को बढ़ा दिया है. भारत से लगते हुए लद्दाख बॉर्डर पर यूएई के छह मिराज-2000 विमानों की मौजूदगी सिरदर्द बढ़ाने वाली है. एक तरफ जहां भारत सतर्क हो गया है वहीं ताइवान (Taiwan) की भी नींद उड़ी हुई है. खबर है कि चीन अपने रडार से मिराज को ट्रैक करने की एक्सरसाइज कर रहा है.
बता दें कि 10 जुलाई 2024 को यूएई और चीन की वायु सेना ने शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत में दूसरे अभ्यास फाल्कन शील्ड की शुरुआत की जिसकी जानकारी चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने दी. हालांकि, इसे होस्ट करने वाले एयरबेस की पहचान नहीं बताई गई है. सूत्रों के मुताबिक शिनजियांग में होटान हवाई अड्डे पर दोनों देश अभ्यास कर रहे हैं.
भारत की चिंता क्यों बढ़ी है?
भारत की चिंता इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि चीन के शिनजियांग (Xinjiang) का होटान हवाई अड्डा लद्दाख (Ladakh) के नजदीक है और कुछ महीने पहले ही यहां चीन (China) ने जे-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान की भी तैनाती की थी. खबर है कि अपने रडार से चीन मिराज (Mirage 2000) को ट्रैक करने की के अभ्यास में जुटा हुआ है.
चीन के लिए फायदे का सौदा
खबर है कि दोनों देशों के बीच जारी इस युद्धाभ्यास के लिए चीनी पक्ष का प्रतिनिधित्व जे-10सी और जे-16 लड़ाकू विमान कर रहे हैं. खबर है कि ऐसे ही विमान ताइवान में भी चीन संचालित करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये अभ्यास चीन के लिए कई मायनों में खास है क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात चीनी सैन्य विमानों का खरीदार है. वहीं इस संयुक्त अभ्यास की मदद से चीन को संभावित सूचना प्राप्त करने का भी मौका मिलता है. चीन इस युद्धाभ्यास की मदद से मिराज विमानों की ताकत और रडार को जांचने का भी काम करता है.
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