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स्कूटी पर तीन बोरी सरकारी यानी जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) का चावल। रात के अंधेरे में सुनसान गलियों से होती हुई स्कूटी एक आलीशान मकान के अंदर प्रवेश करती है। वहां एक हिस्सा गोदाम के रूप में है। यहां चावल की बोरियों को खोला जाता है और फिर दूसरी बोरियों म
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यह सिलसिला स्कूटी-बाइक के कई फेरों के साथ कई घंटों तक जारी रहता है। दैनिक भास्कर की स्टिंग में इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। दैनिक भास्कर के पास ट्रकों से चावल-गेहूं की बोरियां उतारकर स्कूटी-बाइक में लोड करते, धंधेबाज से हुए सौदे, चावल व गेहूं की बोरियों की खरीद से लेकर गोदाम में चावल-गेहूं की बोरियों के फेरबदल तक के वीडियो फुटेज उपलब्ध हैं। सरकारी अनाज की यह लूट बरमसिया स्थित एफसीआई गोदाम के इर्द-गिर्द ही हाेता है।
एफसीआई गोदाम के सामने मौजूद रेलवे साइडिंग में रैक से अनाज पहुंचते ही यह खेल शुरू हाे जाता है। रैक से अनाज ट्रकों में लोड कर एफसीआई के गोदामों में भेजा जाता है, पर गोदाम के चंद कदम पहले ही बरमसिया-मनईटांड़ रोड पर ट्रक खड़े हो जाते हैं और रात ढलते ही हरेक ट्रक से 15 से 20 बोरियां उतारकर धंधेबाजों के गोदाम तक पहुंचा दिया जाता है।
भास्कर रिपोर्टर ने धंधेबाज राजकुमार से एक बोरी गेहूं खरीदने की डील की।
स्कूटी की लाइट बंद कराकर लोड कराई गेहूं की एक बोरी, कीमत बताई 1000 रुपए
गरीबों के निवाले के गोरखधंधे की सूचना पर भास्कर टीम ने बरमसिया के धंधेबाज राजू से संपर्क किया। उससे घर में उपयोग के लिए एक बोरी गेहूं देने का आग्रह किया ताे वह तैयार हाे गया। दिन में हुई बातचीत में राजू ने कहा कि वह फोन कर बुला लेगा। साथ ही यह शर्त भी रखी कि बोरी वापस करनी हाेगी। 50 किलो के गेहूं की बोरी की कीमत 1000 रुपए तय हुई।
रेलवे रैक से ही सरकारी अनाज गायब कर दिया जा रहा है।
सीन- 1 : धंधेबाज ने रात 8 बजे बरमसिया बुलाया
राजू ने रिपोर्टर काे रात 8 बजे गेहूं की बोरी लेने के लिए बुलाया। जब टीम पहुंची ताे राजू ने अंधेरे में खड़े ट्रक के पास चलने के लिए कहा। कई ट्रकों के सामने से गुजरने के बाद एक ट्रक के पास रुकने के लिए कहा। फिर ट्रक के पास खड़े एक अन्य व्यक्ति काे बुलाया।
सीन- 2 : स्कूटी की लाइट बंद होते ही बोरी की लोड
ट्रक के पास स्कूटी पहुंचते ही राजू ने डांटते हुए कहा कि लाइट बंद कराे। जैसे ही स्कूटी की लाइट बंद हुई, ट्रक से एक बोरी गेहूं उतारकर स्कूटी पर लोड कर दिया।
सीन- 3 : जाते वक्त कहा-बोरी वापस कर दीजिएगा
राजू ने स्कूटी पर बोरी लादने के बाद कहा चले जाइए। यह भी कहा कि गेहूं खराब हाेगा ताे कल बदल देंगे। हिदायत भी दी कि बोरी वापस दे दीजिएगा।
धंधेबाज के गोदाम पहुंचा भास्कर, दिखा…सरकारी बोरियों से प्लास्टिक के बैग में चावल हुआ पैक
एक बोरी गेहूं खरीदने के बाद भास्कर टीम ने बड़े पैमाने पर अनाज ले जा रहे कारोबारियों तक पहुंचने की तैयारी की। कुछ ही देर के बाद कई बाइक-स्कूटी चावल व गेहूं लदे ट्रकों के इर्द-गिर्द खड़ी हो गईं। टीम ने स्कूटी पर लोड कर अनाज ले जा रहे शख्स का पीछा किया और पूरे दृश्य काे कैमरे में कैद किया।
सीन- 1 : बरमसिया एफसीआई गोदाम के बाहर खड़े ट्रक से चावल की तीन बोरियां स्कूटी पर लेकर एक व्यक्ति निकला। भास्कर टीम बाइक से उसके पीछे-पीछे जाती है। स्कूटी सवार बरमसिया शनि मंदिर, ओल्ड रेलवे स्टेशन, माउंट ब्रेसिया स्कूल वाली गली होते हुए श्री कृष्णापुरी मनईटांड़ स्थित राजकुमार साव के घर पहुंचती है।
सीन- 2 : यहां निचले तल्ले पर बने गोदाम में स्कूटी से अनाज की तीनों बोरियां उतारी जाती हैं। दाे लाेग सरकारी बोरियों काे खोलना शुरू कर देते हैं। चावल काे जूट के सरकारी बोरी से निकाल प्लास्टिक की बोरियों में भर करीने से खड़ा कर दिया जाता है।
सरकारी बोरी से प्लास्टिक की बोरियों में भरा जा रहा गेहूं।
धंधेबाज बोला-12 सौ में एक बोरा खरीदते हैं चावल, डेढ़ हजार में बेचते हैं
गोदाम में संचालक राजकुमार साव मौजूद था। भास्कर रिपोर्टर ने उससे 10-20 बोरी चावल खरीदने की बात की। मान-मन्नोव्वल के बाद वह तैयार हुआ। कीमत भी बताई।
रिपोर्टर: 10-20 बोरी चावल चाहिए, मिलेगा?
राजकुमार : साथ में रहो और काम कराे।
रिपोर्टर: हम अलग काम करेंगे, मेरा भी सेटिंग करा दीजिए।
राजकुमार: सुबह 5 बजे तक रहो मेरे साथ, सब समझ आ जाएगा।
रिपोर्टर: 10 बोरा चावल दिला दीजिए, कितना पैसा देना हाेगा?
राजकुमार: हम 12 सौ रुपए खरीदते हैं। डेढ़ हजार में बेचते हैं।
ट्रक में नहीं लगा है जीपीएस सिस्टम, जिसका फायदा धंधेबाज उठा रहे हैं।
ट्रकों में जीपीएस सिस्टम भी नहीं
हैरत की बात है कि सरकारी अनाजों को ढोने वाले ट्रकों में जीपीएस सिस्टम तक नहीं लगा है। ऐसे में रैक से उतरी अनाज की बोरियां लोड होने के बाद ट्रक गोदाम के बजाय कहां रुक रहे हैं या कहां जा रहे है, इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पाती। इसका फायदा उठाया जा रहा है।
एफसीआई के डिवीजनल मैनेजर चक्रपाणि सिद्धार्थ ने बताया कि गोदाम तक अनाज पहुंचाने वाले ट्रकों को कांट्रेक्ट बेसिक पर हायर किया गया है। उनमें जीपीएस सिस्टम नहीं लगा हुआ है। जल्द ही वीएलटीएस लगवाने की योजना है। इससे ट्रकों की मॉनिटरिंग संभव हो पाएगी।
एडीएम (सप्लाई) मो. जियाउल अंसारी ने कहा कि आपके द्वारा उपलब्ध वीडियो के आधार पर एफसीआई गोदाम के एजीएम से रिपोर्ट मांगी जाएगी। अगर चावल एफसीआई का है तो वह बाहरी लोगों तक कैसे पहुंचा। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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