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जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग।
21 दिन की कोचिंग के बाद भी संस्थान की पढ़ाई की पद्धति से संतुष्ट न होने के चलते क्लास छोड़ने पर फीस न लौटाने पर इंस्टीट्यूट को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार करने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने तथ्यों और दलीलों को सुनने के बा
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बता दें कि, पटियाला के न्यू लाल बाग कॉलोनी में रहने वाले ऋषि मित्तल ने शहर के एक नामी करियर इंस्टीच्यूट के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने शिकायत दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने अपने बेटे आदित्य अग्रवाल का 11 अप्रैल, 2019 का 11वीं कक्षा के नॉन-मैडीकल स्ट्रीम में एक साल की कोचिंग के लिए दाखिला कराया था।
शिकायतकर्ता फीस वापसी का हकदार नहीं
करियर इंस्टीट्यूट ने आयोग में दायर लिखित जवाब में कहा कि दाखिले के नियमों और शर्तों के अनुसार, शिकायतकर्ता फीस वापसी का हकदार नहीं है। उनकी ओर से प्राप्त राशि में से 15 हजार 864 रुपए का जीएसटी के रूप में भुगतान किया गया है। कई दिनों तक कोचिंग में पढ़ाई करने के बाद करने के बाद शिकायत्कर्ता की गलती के लिए उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
एक साल की कोचिंग के लिए दाखिला लिया था
आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर, से दायर शिकायत में कहा गया कि उनका बेटा 21 दिनों तक पढ़ाई के लिए कोचिंग संस्थान में उपस्थित रहा। इसके अलावा शिकायतकर्ता के बेटे को कोचिंग की ओर से 10 हजार रुपए की अध्ययन सामग्री दी गई थी। ऐसे में शिकायतकर्ता 72 हजार 67 रुपए का हकदार माना जाता है।
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