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दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद की एक याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है। दरअसल उमर खालिद ने UAPA के तहत अपने उपर दर्ज केस में जमानत के लिए याचिका लगाई थी। Jawaharlal Nehru University (JNU) के पूर्व स्कॉलर उमर खालिद पर दिल्ली दंगे के दौरान व्यापक पैमाने पर साजिश रचने का आरोप है। उमर खालिद पर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया था। अदालत में जस्टिस सुरेश कुमार केत और जस्टिस गिरिश कठपालिया की बेंच ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है और मामले को अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त को सूचीबद्ध किया है। बता दें कि जस्टिस अमित शर्मा ने उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
यही बेंच 29 अगस्त को ही इसी मामले के अन्य सह आरोपियों शरजील इमाम, राष्ट्रीय जनता दल के युवा ईकाई के नेता और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र मीरन हैदर, शिफउर रहमान की जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी। 28 मई को जेएनयू के पूर्व स्कॉलर उमर खालिद की दूसरी जमानत याचिका शहर की एक अदालत ने खारिज कर दी थी। जिसके बाद उमर खालिद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज की थी कि लोक अभियोजन किसी भी तरह की देरी के लिए जिम्मेदार नहीं है और पहली जमानत याचिका खारिज करने के बाद से अभी तक कुछ भी नहीं बदला है।
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