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आंखों पर पट्टी बांध नोट के बारे में बताता भारत जादौन
– फोटो : संवाद
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उम्र महज 12 साल। सातवीं कक्षा का छात्र। आंखों पर बंधी पट्टी। फटाफट अखबार और किताबें पढ़ना। आसपास की चीजों को महसूस कर उनके बारे में बता देना। अपनी इस विलक्षण प्रतिभा से भारत जादौन लोगों को अपना मुरीद बना रहे हैं। भारत का कहना है कि आंखों पर पट्टी बंधने के बाद उनका दिमाग कंप्यूटर की तरह गणनाएं करने लगता है। पैरों के स्पर्श से भी वह अक्षरों को पहचान लेते हैं।
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लोधा क्षेत्र के गांव ल्हौसरा बिसावन निवासी भारत जादौन के पिता नरेंद्र पाल सिंह किसान हैं और मां मधु एक निजी विद्यालय में शिक्षिका हैं। नरेंद्र पाल बताते हैं कि उनका इकलौता बेटा जब चौथी कक्षा में था, तब से आंखों पर पट्टी बांधकर अखबार पढ़ने लगा था। स्कूल में शिक्षकों ने भी कई बार किताबें पढ़वाकर देखीं। आंखों पर पट्टी बंधी होने के बाद भारत अपने हाथों से छूकर उस चीज का रंग बता देते हैं।
भारत का दावा है कि यदि कोई नोट उनके हाथ में आता है तो वह उस नोट के नंबर बता देते हैं। नोट कितने का है, उसका रंग कौन सा है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी भारत किसी भी व्यक्ति के हाव-भाव और हुलिया को भी पहचान लेते हैं। मसलन, व्यक्ति किस प्रकार से खड़ा है, उसका हाथ कहां है, कपड़े किस रंग के हैं, पांव में जूते हैं या चप्पल हैं।
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