[ad_1]
मेंढक मेंढकी का विवाह करते हुए।
बारात निकली, बाराती ढोल नगाड़े पर झूम रहे थे और विवाह मंडप में सात फेरे भी लिए गए। विवाह पूरा होने के बाद नाच गाना भी हुआ और एक दूसरे को गुड़ खिलाकर मुंह मीठा कराया गया। ऐसा तो हर विवाह में होता है. लेकिन आप यह जान कर चौक जाएंगे की यह विवाह किसी वर व
.
जिले में महीने की शुरुआत में ही मानसून के प्रवेश के बाद काफी दिनों से बारिश नहीं हुई। क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना को लेकर बुधवार को तरुण क्रांति मंच की ओर से शहर के डेगली माता चौक पर मेंढ़क और मेंढ़की का विवाह कराया गया। इस विवाह के लिए मंच की ओर से शुभ मुहूर्त निकलवाया गया और लोगों को विवाह में आमंत्रित किया गया।
मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि यह विवाह विधि विधान से पंडित की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण के साथ कराया गया। वहीं मेंढक और मेंढकी के सात फेरे भी लगवाए गए. सुबह सगाई और विवाह की रस्म अदा की गई। गाजे-बाजे और मंगल गीतों के साथ विवाह कराया गया।अच्छी बारिश और फसल उत्पादन को लेकर यह कार्यक्रम किया गया। बता दें कि वागड़ में मानसून के समय अच्छी बारिश के लिए मेंढ़क-मेंढ़की का विवाह कराने की मान्यता है। ऐसा लंबे समय से कराया जा रहा है। शहर के अन्य व्यापारी और काश्तकार भी इस विवाह में उनके सहयोगी बनते है।
[ad_2]
Source link