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श्री राम चंद्र कृपाल भजमन…. भजन पर डाॅ. सीमंतिनि चतुर्वेदी, आयुषी चतुर्वेदी, डाॅ. निधि चतुर्वेदी और सत्तिका ने अत्यंत भावपूर्ण प्रस्तुति दी ताे सभागार में एक बारगी कथक नृत्य का ठहराव नजर आया। अवसर रहा जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में गुरु पूर
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केंद्र के निदेशक जय कुमार जंवड़ा व शिष्यों ने सामूहिक रूप से गुरु प्रवीण गंगानी को श्रदांजलि और नृत्यांजलि भेंट की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सचिव व मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्य निर्वाचन आयाेग संचिता विश्नोई रही।
उन्हाेंने छात्राओं की प्रस्तुति काे सराहा और कहा कि इस प्रकर के कार्यरूप हमारे विचारों और संस्कृति की जीवित बनाए हुए हैं। हम सभी के जीवन व प्रगति में गुरु का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। विशिष्ठ अतिथि के रूप में समाजसेवी राम सहाय शर्मा और हितेश गौतम उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भंवर लाल जंवड़ा की गणेश वंदना से हुआ। सुजाता मोडिया ने सितार पर व तबले पर सूरज मोठिया की जुगलबंदी ने सावन के मौसम में समां बांध दिया। योगेश, मोहित चौहान और भानवेन्द्र शंकर डांगी ने कैलाश रंजनी प्रस्तुत किया।
वहीं तबले की जुगलबंदी में मोहित चौहान और शंकर डांगी अद्भुत रहे। समाराेह के अंत में अष्टमंगल में मात्रा सहित साक्षी, पोशाली, अंजली, अवनी, कोमल, माया, प्रशस्ति, काव्या, संगीता और रितिका ने प्रस्तुति दी।
इसमें तोड़े, परण, चक्करदार परण आदि नृत्य की बारिकियों का बखूबी चित्रण किया गया। कार्यक्रम के समापन में कथक नृत्य गुरू जय कुमार जंवडा ने नृत्य के माध्यम से अपने गुरु को नृत्यांजली दी। कार्यक्रम संचालन आकांक्षा शंकर कौशिक ने किया।
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