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दमोह शहर के राय चौराहे के पास संचालित मिशन अस्पताल के कर्मचारियों ने सोमवार शाम कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए अस्पताल प्रबंधन पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। कोतवाली टीआई ने सभी शिकायतकर्ताओं के आवेदन लेकर मामले की जांच शु
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मिशन अस्पताल में बीते 5 सालों से सुरक्षा गार्ड की सेवाएं दे रहे अंबर मिश्रा, शैलेंद्र पाठक और डालचंद साहू ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है कि अस्पताल के डायरेक्टर डॉ अजय लाल के बेटे अभिजीत लाल और प्रबंधन के प्रमुख संजीव लैंबर्ट उन्हें धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। बीते कई महीनो से उन्हें परेशान किया जा रहा है और इसलिए वह मजबूरी में कोतवाली में शिकायत दर्ज करने पहुंचे हैं।
शिकायतकर्ताओं में शामिल अंबर मिश्रा ने बताया कि दोनों आरोपियों के द्वारा उनसे ऑफिस टाइम में तिलक न लगाने, कलावा ना पहने और चोटी ना रखने के लिए कहा जा रहा है। दूसरे शिकायतकर्ता शैलेंद्र पाठक ने बताया कि हिंदू धर्म से जुड़ी रीतियों को न मानने पर दबाव बनाया जा रहा है और अस्पताल में होने वाली मसीही प्रार्थना और चर्च में जबरन उपस्थित रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
तीसरे शिकायतकर्ता ने भी यही आरोप लगाए उसने बताया कि अभी तो वह मजबूरी में प्रार्थना में शामिल हो रहे हैं, लेकिन अब उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए कहा जा रहा है, इसलिए वह मजबूरी में यहां शिकायत करने आए हैं। अस्पताल प्रबंधन उनकी कोई भी गलती निकाल कर उन्हें नौकरी से निकल सकता है, लेकिन वास्तविकता यही है।
अस्पताल का मुख्य काम देखने वाले संजीव लैंबर्ट हम सभी से कहते हैं कि यदि ईसाई धर्म अपना लोग, तो तुम्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, न ही तुम्हारा कोई वेतन काटा जाएगा, लेकिन यदि धर्म परिवर्तन नहीं करोगे तो यहां नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा हिंदू संगठनों के साथ शिकायत करने पहुंचे
इन कर्मचारियों के मामले में कोतवाली टीआई आनंद सिंह का कहना है की शिकायत की गई है जिसमें धर्मांतरण के आरोप लगाए गए हैं। आवेदन ले लिए हैं जिनकी जांच की जा रही है, यदि दोस्त सिद्ध होता है तो संबंधितों के खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
अस्पताल के डायरेक्टर बोले- आरोप झूठे हैं
मिशन अस्पताल के डायरेक्टर डॉ अजय लाल का कहना है की धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है उनके यहां कई हिंदू काम करते हैं, सालों से कम कर रहे हैं उन पर कभी भी इस तरह का दबाव नहीं बनाया गया है और ना ही ऐसी कोई बात है। नियमों के तहत काम करने के लिए कहा गया होगा। यूनिफॉर्म पहनने के लिए कहा गया था जिसको लेकर यह आरोप लगाए जा रहे हैं।
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