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– एबीवीपी ने जेएनयू प्रशासन के सामने रखी 11 सूत्रीय मांगें प्रस्तुत
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सोमवार से जेएनयू प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। पदाधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किए जा रहे भ्रष्टाचार एवं बुनियादी ढांचे और छात्रों के शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर यह धरना किया जा रहा है।
एबीवीपी की जेएनयू ईकाई ने जेएनयू प्रशासन से 11 सूत्रीय मांगपत्र के तत्काल समाधान की मांग की है, ताकि छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके और विश्वविद्यालय का समुचित विकास हो सके। संगठन ने मांग की है कि छात्रों के खिलाफ हो रही प्रोक्टोरियल जांच वापस ली जाए। एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे का कहना है कि हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे हमारी मांगों को गंभीरता से लें और शीघ्र समाधान निकालें। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
एबीवीपी जेएनयू की इकाई मंत्री शिखा स्वराज ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को यह समझना होगा कि छात्रों के बुनियादी अधिकारों और सुविधाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती। हमारे 11 सूत्रीय मांगें न केवल छात्रों की आवश्यकता को दर्शाती हैं, बल्कि विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को भी बढ़ावा देती हैं। हम अपने संघर्ष में पूरी तरह से दृढ़ हैं और जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, हम पीछे नहीं हटेंगे।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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