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High Security Number Plate : राजधानी दिल्ली में वाहन चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए वर्ष 2018 से सभी नई गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जा रही हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इस योजना का कोई बड़ा असर वाहन चोरी रोकने में नहीं हुआ है। अब भी औसतन 100 से ज्यादा वाहन दिल्ली से रोजाना चोरी हो रहे हैं। इनमें मुश्किल से 10 फीसदी गाड़ियों को ही पुलिस तलाश कर पाती है।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लागू करते समय यह दावा किया गया था कि इस नंबर प्लेट के लगने से गाड़ी चोरी की वारदात नहीं होंगी। वाहन चोरों के लिए नंबर प्लेट बदलना मुश्किल होगा और चोरी होने पर इसके पकड़े जाने की संभावना ज्यादा रहेगी, लेकिन हकीकत यह है कि विभिन्न गैंग बिना नंबर प्लेट बदले ही ऐसी गाड़ियों को चोरी कर दिल्ली से बाहर निकल जाते हैं। एक साल में औसतन 35 से 40 हजार गाड़ियां दिल्ली से चोरी हो रही हैं। पुलिस इनमें से 4 से 5 हजार को ही तलाश पाती है।
दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की शुरुआत के समय वाहन चोरी में मामूली कमी आई थी।
इन इलाकों में होती हैं सर्वाधिक वारदात
राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर, शाहदरा, भजनपुरा, पटपड़गंज और बदरपुर कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां वाहन चोरी की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की जाती हैं।
हर 14 मिनट में हो रहा एक मामला
हाल ही में एक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया ता कि दिल्ली में हर 14 मिनट में एक गाड़ी चोरी हो जाती है। देशभर में होने वाली कार चोरी की घटनाओं में से 80 फीसदी अकेले दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से होती हैं। भारत में सबसे ज्यादा वाहन चोरी की घटनाएं भी दिल्ली में ही होती हैं। इसके बाद बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई और कोलकाता है।
दूसरे राज्यों में बेची जा रहीं
दिल्ली से चोरी होने वाली अधिकांश गाड़ियों को उत्तर-पूर्वी राज्यों में बेचा जाता है। वहां खरीदार को भी इस बात की भनक नहीं होती कि यह गाड़ी चोरी की है। इसके लिए गैंग चोरी की गाड़ी पर हादसों में खत्म हो चुकी गाड़ियों का इंजन और चेसिस नंबर चढ़ा देते हैं।
दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी एलएन राव ने कहा, ”हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से गाड़ी चोरी रोकने में बड़ी मदद अभी तक नहीं मिली है। बदमाश वाहन चोरी करने के कुछ मिनटों में दिल्ली से बाहर पहुंच जाते हैं। ऐसे में उन्हें नंबर प्लेट बदलने की जरूरत नहीं होती।”
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