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कोडरमा में स्वास्थ्य विभाग ने हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया है। यहां एक ही दिन में एक महिला का 8 से 12 प्रसव दिखा 50 लाख रुपए से ज्यादा राशि निकाल ली गई है। ताज्जुब तो इस बात की है कि पुरुषों को भी मां बना दिया गया है। उनके नाम पर भी संस्थागत प्रसव दिख
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कोडरमा के सतगावां सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद मिलने वाला 1400 रुपए पुरुषों और महिलाओं के खाते में डाल दिया गया। विभागीय जानकारों के अनुसार 2023-24 मेें ही एक साल में 50 लाख से ज्यादा की हेराफेरी कर दी गई। वित्तीय गड़बड़ी की भनक लगने पर स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल सतगावां में विभागीय खाते को फ्रीज कर दिया है।
वहीं, कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज ने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। दूसरी ओर, सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सतगावां के क्लर्क सह प्रखंड लेखा प्रबंधक अजीत कुमार से स्पष्टीकरण मांगी गई है। सिविल सर्जन केस भी करने वाले हैं। डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आने के बाद डीडीसी ऋतुराज के नेतृत्व मे जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच रिपाेर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे समझें कैसे की हेराफेरी: अतुल चौधरी के खाते में 14 और दिनेश चौधरी के खाते में 10 बार डाले पैसे
विभाग ने दिखाया है कि जननी सुरक्षा योजना के 1400 रुपए 22 जनवरी 2024 को अंजू कुमारी के खाते में 13 बार, अतुल चौधरी को 14, दिनेश चौधरी 10 और चचला कुमारी को 13 बार प्रोत्साहन राशि दी गई। इसी तरह, 4 अक्टूबर 2023 को आरती कुमारी के खाते में 3 बार, चचला कुमारी को 8 बार, गिरजा देवी, फातिमा खान, लक्ष्मी कुमारी, मंजू चौधरी,प्रिया कुमारी, सरस्वती साव, पूजा कुमारी, मंजू देवी और सृष्टि कुमारी के खाते में 8-8 बार डाले गए हैं।
इनके अलावा इसी दिन काजल कुमारी के नाम पर 4, खुशबू कुमारी 6, ललिता देव, मनीषा कुमारी, नीतू कुमारी और प्रीति कुमारी को 3-3 बार प्रोत्साहन राशि दी गई। ये नाम बस उदाहरण हैं। गड़बड़ी की लिस्ट काफी लंबी है। विभागीय जानकारों के अनुसार, जिनका संस्थागत प्रसव नहीं कराया गया, उनके नाम पर भुगतान दिखा दिया गया।
सिविल सर्जन बोले: सरकारी राशि का गबन गंभीर मामला
पांच सदस्यीय कमेटी अनियमितता की जांच कर रही है। सिविल सर्जन ने सतगावां के क्लर्क सह प्रखंड लेखा प्रबंधक अजीत कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है। सिविल सर्जन ने कहा है कि जांच में जननी सुरक्षा योजना सहित विभिन्न मदों में एक ही लाभार्थी के खाते में विभिन्न तिथियाें में अनेक बार भुगतान किया गया है। इससे सरकारी राशि के गबन प्रतीत होता है, जो एक गंभीर मामला है। अनियमितता की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने भी जांच की है।
पहले भी बड़े पैमाने पर की गई थी अनियमितता
जननी सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत जिले में गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है। कोडरमा प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2019 में भी इसी तरह की गड़बड़ी हुई थी। वहां के चिकित्सा पदाधिकारी ने एक प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्र से महिलाओं की जांच के नाम पर ₹400 रुपए की दर से भुगतान कर दी गई थी। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की जांच के नाम पर एक प्राइवेट संस्थान को भी प्रति केस ₹600 से 730 रुपए की दर से भुगतान की गई थी। जांच में गड़बड़ी पकड़ी गई और कार्रवाई हुई थी।
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