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चंडीगढ़ नगर निगम की अगर बात की जाए तो उसकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद पिछली सदन की बैठक में धनास में 236.79 लाख और सेक्टर-29 में 126.87 लाख के पेवर ब्लॉक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
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बैठक में निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा ने स्वयं माना था कि निगम की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है इसलिए पेवर ब्लॉक्स और टाइल्स लगाने के पुराने पारित प्रस्तावों के काम को भी तीन माह से रोके रखा गया है। उनका कहना था कि शहर के विभिन्न सेक्टरों में लगने वाले पेवर ब्लॉक्स और टाइल्स के काम को उन्होंने ही पिछले तीन माह से रोका है और इसके लिए टेंडर नहीं लगने दिए हैं। ऐसे में अब शहर के कामों पर भी काफी असर पड़ेगा।
जब तक काम पूरे नहीं होते तब तक बैठक ना हो
आम आदमी पार्टी के पार्षद जसबीर का कहना है कि जब तक पुराने पारित प्रस्ताव के काम पूरे नहीं हो जाते तब तक सदन की बैठक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बैठक पर भी लाखों रुपए खर्च होते हैं, जबकि निगम के पास पहले से ही पैसों की कमी है। उन्होंने यह भी कहा था कि जब पुराने पारित प्रस्तावों का काम पूरा नहीं हो रहा तो नए प्रस्तावों को बैठक में क्यों लाया जा रहा है। जसबीर ने कहा कि निगम बैठक में खाने-पीने का खर्च और अधिकारियों के काम करने का पूरा दिन खराब होता है इसलिए पहले पुराने काम खत्म किए जाएं,उसके बाद ही कोई नया एजेंडा बैठक के लिए लाया जाए।
जानबूझकर रोका जा रहा मेरे वार्ड में कार्य को
आप के पार्षद जसबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके वार्ड के विकास कार्यों को जानबूझ कर रोका गया है। उन्होंने कहा कि उनके जैसे ही काम बाकी तीन पार्षदों के वार्ड में पूरे करवा दिए गए, जबकि उनके वार्ड के वहीं काम पिछले डेढ़ वर्ष से लंबित है। जसबीर ने कहा कि निगम में वित्तीय संकट वर्ष 2024-25 के बजट के कारण आया है, जबकि उनके काम को पिछले वर्ष 2023-24 के समय पारित किया जा चुका था और उस समय निगम की वित्तीय स्थिति खराब भी नहीं थी।
नहीं मिलता संतोषजनक उत्तर
वही धनास के पार्षद राम चन्द्र यादव ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बैठक में निगम ने उनके वार्ड में पड़ते धनास में पेवर ब्लॉक्स लगाने के प्रस्ताव को तो पारित कर दिया, लेकिन पिछले एक वर्ष से पिछले पारित कामों पर आज तक कोई एक टेंडर नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारियों से उनके पूछने पर की काम क्यों शुरू नही हो पा रहे है इसे लेकर जब अधिकारियों से बात करते हैं तो उनसे संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।
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