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अगले हफ्ते से सावन का महीना शुरू होने वाला है। भगवान शिव के भक्त इस महीने कांवड़ लेकर हरिद्वार जाते हैं। यात्रा के दौरान अक्सर नियम तोड़े जाते हैं, तेज आवाज में म्यूजिक बजाया जाता है जिससे लोगों को परेशानी होती है। इस साल दिल्ली के लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए पुलिस ने कांवड़ शिविरों के आयोजकों को एडवाइजरी जारी की है ताकि लोगों की अव्यवस्था को कम किया जा सके।
कांवड़ शिविरों को जिन चीजों का पालन करने के लिए कहा गया है, उनमें हर रात 10 बजे के बाद म्यूजिक बजाने पर प्रतिबंध, म्यूजिक की आवाज की लिमिट का ध्यान रखना और ट्रैफिक के लिए बनी सड़कों पर अतिक्रमण न करने का सख्त नियम शामिल है। यह नियम हर साल लागू होते हैं, लेकिन आम तौर पर कांवड़ियों – यात्रा में भाग लेने वाले भक्तों द्वारा इनका व्यापक रूप से उल्लंघन किया जाता है।
शहर के निवासी और रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के सदस्य, खासतौर से कांवड़ यात्रा रूट के आसपास रहने वाले लोगों को शक है कि पुलिस की एडवाइजरी का जमीनी स्तर पर कोई असर देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि एक बार पुलिस के नियम केवल कागजों पर ही रहेंगे। उन्होंने शहर की पुलिस और अन्य अधिकारियों पर हर साल नियमों के उल्लंघन पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया।
दिल्ली में खासतौर पर आठ रूट हैं जहां से कांवड़ यात्रा गुजरेगी। मेन रास्ता अप्सरा बॉर्डर से प्रवेश है जो सीलमपुर फ्लाईओवर, कश्मीरी गेट, रानी झांसी रोड, अपर रिज रोड, धौला कुआं की ओर जाता है और हरियाणा में राजोकरी बॉर्डर से बाहर निकलता है। दूसरा रास्ता भोपुरा बॉर्डर है जिसके जरिए कांवड़िए दिल्ली में प्रवेश करेंगे और आउटर रिंग रोड के माध्यम से वे टिकरी बॉर्डर या सिंघू बॉर्डर से हरियाणा के लिए निकलेंगे। महाराजपुर और गाजीपुर बॉर्डर पूर्वी दिल्ली में अन्य दो प्रमुख मार्ग हैं। इसके अलावा कांवड़िए कालिंदी कुंज और बदरपुर बॉर्डर से भी गुजरेंगे।
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