[ad_1]
डिजिटल इंडिया के कदमों में तेजी लाने के सरकारी प्रयासों में सेतु का काम कर रहे कियोस्क संचालकों का गुस्सा बैंकों की नीतियों और अधिकारियों के रवैये पर भड़क उठा है। नाराज कियोस्क संचालकों ने गुरुवार को हड़ताल कर मौजूदा स्थितियों के प्रति विरोध जताया।
.
सतना के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के कियोस्क का संचालन करने वाले संचालकों ने गुरुवार को विरोध का बिगुल फूंक दिया। बड़ी संख्या में नाराज कियोस्क संचालक नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट जा पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम सिटी को सौंपा और उसके जरिए कलेक्टर को अपने साथ हो रहे उपेक्षापूर्ण बर्ताव की जानकारी दी।
कियोस्क संचालकों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से स्टेट बैंक का रीजनल कार्यालय कटनी से सतना शिफ्ट किया गया है। तभी से वित्तीय समावेशन प्रबन्धक विशाल लिंबजे कियोस्क संचालकों के साथ अनुचित बर्ताव कर रहे हैं। बिना किसी वजह और बगैर सूचना के कियोस्क आईडी बंद कर दी जा रही है। नतीजतन छात्र वृत्ति, वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन, केवाईसी जैसे काम भी नहीं हो पा रहे हैं तथा इसका सीधा असर शासन को योजना से जुड़े हितग्राहियों पर भी पड़ रहा है।
कियोस्क संचालक राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सभी कियोस्क संचालक सरकार की मंशा अनुसार योजनाओं से जनता को सीधे जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन बैंकों और कंपनियों की नीतियां हमारा शोषण कर रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि शासन के मददगार होने के बावजूद शासन भी हमारी सुध नहीं ले रहा। कंपनियां और बैंक हमारे कमीशन में कटौती कर रही हैं, जीएसटी की राशि हमसे वसूल तो रही हैं लेकिन उसे जमा अपने नाम पर कर रही हैं। इससे हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
[ad_2]
Source link