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मंडी आदमपुर की नगरपालिका को भंग करने की मांग लेकर कुलदीप बिश्नोई व भव्य बिश्नोई सीएम नायब सैनी से मिले थे।
हरियाणा सरकार ने हिसार के आदमपुर में नगरपालिका को भंग कर पंचायत बनाने की मांग पर मुहर लगा दी है। भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई और आदमपुर विधायक भव्य बिश्नोई ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली और सीएम का आभार जताया।।
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आदमपुर के विधायक भव्य बिश्नोई ने अपने X प्लेटफार्म पर लिखा कि ‘‘आदमपुर हमारा परिवार है और हर आदमपुरवासी हमारे लिए भगवान के समान हैं। आदमपुर नगर पालिका तुड़वाने की आदमपुरवासियों की मांग को सिरे चढ़ाने के लिए हम प्रयासरत थे। इस मांग को स्वीकार करने के लिए मुख्यमंत्री एवं शहरी निकाय मंत्री का वे आभार व्यक्त करते हैं और आदमपुरवासियों को नगर पालिका टूटने पर बधाई देते हैं”।
कुलदीप बिश्नोई ने ये लिखा…
’’ वहीं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने लिखा कि जिसे हम पिछले 56 सालों से निभा रहे रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे। बस आप अपना विश्वास हमेशा की तरह यूं ही बनाये रखना’’ विदित रहे की आदमपुर नगरपालिका बनने से स्थानीय लोगों में रोष था और वे इसको तुड़वाना चाहते थे। कुलदीप बिश्नोई एवं भव्य बिश्नोई ने आदमपुरवासियों को विश्वास दिलाया था कि जनभावना के अनुरूप सरकार निर्णय करेगी और हर हाल में वे उनकी मांग को सिरे चढ़ाकर रहेंगे।
कुलदीप बिश्नोई द्वारा की गई पोस्अ।
3 साल पहले आदमपुर को मिला नगरपालिका का दर्जा
भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा।
इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी। इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। अब फाइल मंजूर होकर डीसी ऑफिस तक पहुंच गई है।
कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई ने पिछले महीने सीएम नायब सैनी से मुलाकात की थी।
लोगों का आरोप था कि नगरपालिका बनने के बाद विकास का कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ, जबकि जनता के ऊपर टैक्स थोपे जाने लगे। निकायों के टैक्स लोगों से लिए जाने लगे। इसके कारण लोग परेशान हो गए। निर्माण करा रहे लोगों को नोटिस दिए जाने लगे।
आदमपुर को लेकर हुई राजनीति
लोगों का कहना हे कि आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। वर्ष 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा वापस ले लिया।
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए और आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी फिर से उपमंडल का दर्जा दे दिया। साथ ही इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उप मंडल का दर्जा नहीं मिल सका था।
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