[ad_1]
उदयपुर में धोलीबावड़ी रोड पर आज अतिक्रमण हटाने के दौरान परिवारजनों को रोकती महिला सुरक्षाकर्मी।
उदयपुर शहर के देहलीगेट से धोलीबावड़ी जाने वाली रोड के बीच आज नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाया। इस दौरान वहां पर दुकानदार और उसके परिवारनों ने भारी विरोध दर्ज कराया। हंगामे की स्थिति के बीच भारी भीड़ भी जमा हो गई। निगम की टीम ने इस तर्क पर एक नहीं सु
.
असल में आज सुबह नगर निगम की टीम देहलीगेट के अंदर धोलीबावड़ी रोड पर पहुंच गई। टीम के साथ धानमंडी पुलिस का जाब्ता और नगर निगम के सुरक्षाकर्मी साथ थे। वहां पर धोली बावड़ी जाने वाले मार्ग पर संचालित चना, मुगफली व अन्य सामग्री बेचने की दुकान पर कार्रवाई शुरू की।
उदयपुर के धोलीबावड़ी रोड पर अतिक्रमण हटाने के दौरान तैनात पुलिसकर्मी और लोग।
निगम के राजस्व अधिकारी नितेश भटनागर, सीआई मांगीलाल डांगी के साथ टीम जैसे ही दुकान को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने लगे तो दुकान मालिक और उसके परिवारजनों ने विरोध शुरू कर दिया। परिवार वालों ने दुकान के आगे रास्ता रोकते हुए कार्रवाई नहीं करने को लेकर विरोध जताया। इस बीच दुकानदार दुकान से बाहर नहीं निकल रहा था।
विरोध के बीच निगम की टीम ने तर्क दिया कि निगम की तरफ से विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए दुकानदार से स्वामित्व संबंधित दस्तावेज मांगे लेकिन वह प्रस्तुत नहीं कर पाया। निगम ने पूरा समय दिया।
बाद में सुरक्षाकर्मियों और पुलिस ने उनको वहां से हटाया और दुकान को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई।
उदयपुर में दुकान को ध्वस्त करता बुलडोजर
यह था पूरा मामला
नगर निगम ने हुसैना बाई, यूसूफ और अन्य के नाम नोटिस के साथ विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्रवाई की। निगम आयुक्त ने 24 मई और 11 जुलाई को नोटिस जारी कर इनको अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाने को कहा। निगम का कहना है कि दुकान के दक्षिण में सड़क की पर्याप्त चौडाई नहीं होकर दुकान से सड़क भूमि पर भी अतिक्रमण किया हुआ हैं। इसके अलावा पश्चिम और पूरब में सार्वजनिक सड़क 30 और 40 फीट चौड़ी है। दक्षिण मे सडक मात्र 26 से 27 ही फीट रह गई है और यहां पर अतिक्रमण दुकान का है।
यहां पिछले दिनों हुई थी आग की घटना
इस दुकान मे पिछले समय ही भयावह आगजनी घटित हुई थी। घनी आबादी के बीच भट्टी लगाकर व्यापार करना तथा उससे होने वाले प्रदूषण से आम जन के स्वास्थ्य के प्रतिकुल प्रभाव का भी नगर निगम ने तर्क दिया। इस मामले को लेकर सिविल न्यायालय उदयपुर शहर उत्तर ने भी बेदखली के आदेश पारित किए थे।
[ad_2]
Source link