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वाराणसी में बढ़ रहीं गंगा।
– फोटो : अमर उजाला
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गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव के बाद बुधवार की शाम को जलस्तर में कमी आई। गंगा अस्सी घाट के आरती स्थल तक पहुंच चुकी हैं। अस्सी से राजघाट के बीच घाट किनारे के छोटे-छोटे मंदिर पानी में डूब चुके हैं। घाटों का संपर्क पहले ही टूट चुका था, जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह करने वालों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार जलस्तर 62.75 मीटर पहुंच गया है।
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केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की सुबह आठ बजे गंगा के जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव दर्ज किया गया। फ्लड बुलेटिन के अनुसार सुबह आठ बजे जलस्तर 62.64 मीटर था। हालांकि दिन में बढ़ाव की रफ्तार धीमी पड़ी और यह प्रति दो घंटे एक सेंटीमीटर तक पहुंच गई थी। शाम पांच बजे के बाद जलस्तर में ठहराव हो गया।
अब तक गंगा तट के निचले हिस्सों के कई मंदिर डूब चुके हैं। मढ़ियों के साथ ही कई सीढ़ियां जलसमाधि ले चुकी हैं। घाटों का संपर्क टूटा हुआ है। दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती के स्थान में भी बदलाव किया गया है।
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में बरसात थमने के कारण जलस्तर में ठहराव आया है। जलस्तर स्थिर होने से नाविक और पंडों ने राहत की सांस ली है। वहीं, नाविक समाज तेज बहाव को देखते हुए अपनी नौकाओं को लेकर चौकन्ना है।
24 घंटे में बढ़ा 30 सेंटीमीटर जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 30 सेंटीमीटर बढ़ गया। मंगलवार को गंगा का जलस्तर 62.34 था जो बुधवार की सुबह आठ बजे 62.64 मीटर पहुंच गया। गंगा के जलस्तर में दो घंटे में एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ाव जारी था।
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