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रीवा में मोहर्रम का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया गया। जहां बुधवार शाम शहर भर में ताजिया जुलूस निकाला गया। ताजिये का जुलूस इमाम बारगाह से निकला जो कर्बला में जाकर खत्म हुआ। इस अवसर पर घोड़ा चौराहे पर लोगों को खाना भी खिलाया गया।
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शहर काजी ने बताया कि मोहर्रम इमामे हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। इसमें लोग जुलूस निकालकर खेल-करतब भी दिखाते हैं। ये त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है।
इराक में यजीद नाम का अत्याचारी बादशाह राज करता था। उसे अल्लाह पर विश्वास नहीं था। वो चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन भी उसका ही समर्थन करे। जिसे लेकर इराक के कर्बला में लगातार हुई। लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा-प्यासा शहीद कर दिया गया। इसलिए मोहर्रम में सबीले लगाई जाती हैं, जहां पानी पिलाया जाता है। भूखों को खाना खिलाया जाता है। कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाया था, इसलिए मुहर्रम को इंसानियत का महीना माना जाता है।
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