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इस्लाम और इंसानियत को बचाने की खातिर शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में बुधवार को 10वें मोहर्रम पर शहरभर में ताजियों ने गश्त किया। मातमी धुन के साथ ताजियों का जुलूस शहर में गश्त करते हुए अटेर रोड स्थित कर्बला पहुंचा। कर्बला में फातिहा ख्वान
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जिले भर में निकले 250 ताजिएः
मोहर्रम पर ताजिएदारी भिंड जिले की तरह आसपास के जिलों में देखने को नहीं मिलती है। जिलेभर में करीब 250 ताजिए बनाए गए थे। शहर में ही 75 ताजिए बनाए गए थे। ताजियों को आकर्षक तरीके से चमकीली पन्नाी और लाइटिंग से सजावट की गई थी। सोमवार और मंगलवार को लोगों ने ताजिए की जियारत कर फातिहा ख्वानी की और मन्नातें मांगी। सोमवार को ताजियों ने पूरी रात शहर में गश्त की। इसके बाद मंगलवार सुबह अपने मुकाम पर पहुंचे थे। मंगलवार को दोपहर बाद ताजियों को मातमी धुन के साथ कर्बला ले जाया गया।
पुलिस की ड्यूटीः
मोहर्रम में ताजियों के जुलूस में पुलिस की ड्यूटी तैनात रहे। 8वें मोहर्रम को रात में मेंहदी निकाली जाती है। यहीं से पुलिस की कठिन ड्यूटी शुरू हो जाती है। मेंहदी की पूरी रात पुलिसकर्मियों को जागकर ड्यूटी करना होती है। इसके बाद 9वें मोहर्रम में रात में ताजिए गश्त करते हैं तब भी पुलिसकर्मियों को लगातार दूसरी रात जागकर ड्यूटी करना होती है। इसके बाद लगातार तीसरे दिन 10वें मोहर्रम पर दिन से आधी रात तक कठिन ड्यूटी होती है।
मन्नत मांगने कर्बला में उमड़ी भीड़ः
देर रात तक अटेर रोड छौलियाने स्थित कर्बला में ताजियों को फातिहा ख्वानी के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। बुधवार को 11वें मोहर्रम पर शहर और आसपास के महिला पुरुष कर्बला में मन्नात मांगने जाएंगे। इस दौरान फातिहा ख्वानी होगी और लोग अपनी मन्नातें मांगेंगे। गुरुवार को 12वें मोहर्रम पर ताजियों के स्थान पर तीजे की फातिहा होगी।
मुख्य मार्गो से निकले ताजिए
मिहोना नगर में मोहर्रम के ताजिए नगर के मुख्य मार्गो से निकाले गए। ताजियों का हिंदू भाइयों ने जगह जगह किया स्वागत किया गया। नगर मे भिंड रोड से ताजिए शुरू किए गए, जो किसदर बाजार, गांधी तिराहा, लहार रोड, उरई रोड पर रखे गए। इसके बाद ताजिए काली माता मंदिर होते हुए वार्ड 9 मे पहुंचे, जहां पर गथाई सरकार मंदिर के पास तालाब मे दफनाए गए। ताजिए निकालने के दौरान युवाओं ने कई तरह के हैरत अंगेज करतव भी दिखाए।
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