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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने 17 जुलाई को बीमा से जुड़े मामलें में एक बड़ा आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग अध्यक्ष श्यामाचरण उपाध्याय, सदस्य महेश कुमार चांडक और सदस्य हर्षा बिजेवार की बेंच ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी भो
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दरअसल, बीमा कंपनी के विरूद्ध बीमा धारक कामेश्वर बागड़े की मृत्यु के बाद वैध वारिस खैरलांजी तहसील के मकोड़ी निवासी सुनिता बागडे ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग बालाघाट में प्रकरण दर्ज कराया था।
जिसमें बताया गया था कि आवेदक सुनिता बागड़े के पति स्व. कामेश्वर बागड़े ने हिरो मोटोपार्क एचएफ डीलक्स एचएफएनडी बाइक 21 जनवरी 2019 को खरीदी थी। जिसका बीमा टाटा ए.आई.जी. इश्योंरश कंपनी भोपाल से पास कराया था।
बीमा अवधि 20 जनवरी 2019 से 25 जनवरी 2024 तक प्रीमियम रुपए 4405 देकर और वाहन स्वामी चालक के लिए 330 रुपए का प्रीमियम 15 लाख रुपए के लिए दुर्घटना बीमा कराया गया था।
13 मई 2019 को वाहन स्वामी कामेश्वर बागडे की एक सड़क दुर्घटना के दौरान मृत्यु हो गई थी। पत्नि सुनिता बागड़े ने संपूर्ण दस्तावेजों के साथ क्लेम प्रकरण बनाकर टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरेंस कंपनी भोपाल को भेजा गया था। टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरेंस कंपनी भोपाल ने यह कहकर कि मृतक कामेश्वर बागड़े की ड्राईविंग लाइसेंस नहीं होने की वजह से क्लेम को निरस्त कर दिया था।
जिला उपभोक्ता आयोग बालाघाट में प्रकरण दर्ज होने के बाद सुनिता ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध का विवरण फार्म, मृत्यु प्रमाण पत्र तथा अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये गए थे। टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरेंश कंपनी भोपाल ने मात्र शपथ-पत्र प्रदान किया। जबकि उस पर ड्राइविंग लाइसेंस, अन्य दस्तावेज और कोई ठोस साक्ष्य और इन्वेस्टिगेटर का शपथ-पत्र प्रस्तुत करना दायित्व था।
जिसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग बालाघाट के अध्यक्ष श्यामाचरण उपाध्याय, सदस्य महेश कुमार चांडक तथा सदस्य विजेवार की बैंच ने टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरेंस कंपनी भोपाल की बीमा होल्डर कामेश्वर बागड़े की मृत्यु के बाद पत्नी सुनीता बागड़े को एक माह के भीतर 15 लाख रुपए क्षतिपूर्ति की राशि देने का आदेश दिया है।
साथ ही राशि पर दावा प्रस्तुति 7 जुलाई से भुगतान तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज और इंश्योरेंश कंपनी एक हजार रूपए बाद व्यय के रूप में भी अदा करने का आदेश दिया है।
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