[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
बिना रुके दिल्ली से मुंबई की यात्रा करने के लिए आपका इंतजार थोड़ा और बढ़ गया है। उम्मीद है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना अगले साल अक्टूबर तक पूरी तरह चालू हो जाएगी। यह केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है। सूत्रों ने बताया कि गुजरात में जमीन से जुड़ी कुछ दिक्कतों के कारण परियोजना में देरी हुई है। गुजरात में 62 किलोमीटर के दो ‘पैकेज’ के काम के लिए नवंबर 2023 में बोली लगाई गई थी। जबकि एक पैकेज पर इस साल अप्रैल में काम शुरू हो सकता है, दूसरे हिस्से पर इसी महीने निर्माण शुरू हो गया है।
सरकार ने परियोजना के पूरा होने के लिए जनवरी 2023 की समयसीमा तय की थी, लेकिन कई बार इसकी डेडलाइन बढ़ी और आखिर में मार्च 2024 तय की गई थी। जो भी पूरी हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि किसी भी हिस्से को बनाने में कम से कम डेढ़ साल का समय लगता है। तेजी से काम पूरा करने के लिए कॉरिडोर को छोटे-छोटे ‘पैकेज’ में बांटा गया है। अधिकारियों ने बताया कि जमीन उपलब्धता से जुड़े सभी बची हुई दिक्कतों को सुलझाया जा रहा है।
अबतक अलग-अलग हिस्सों में कुल 1,386 किलोमीटर में से करीब 630 किलोमीटर को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है। उदाहरण के लिए, सोहना-दौसा-सवाई माधोपुर (293 किलोमीटर) को ट्रैफिक के लिए खोला जा चुका है। ; झालावाड़-एमपी/गुजरात सीमा (245 किलोमीटर) के बीच एक और सेक्शन चालू हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सोहना से वडोदरा (845 किलोमीटर) तक देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का पहला सेक्शन मार्च 2025 तक पूरी तरह से ट्रैफिक के लिए खुल जाएगा।
इसके बाद, मुंबई में जेएनपीटी, उत्तर प्रदेश में जेवर एयरपोर्ट और दिल्ली में डीएनडी फ्लाईवे के तीन लिंक सहित अन्य सेक्शन भी ट्रैफिक के लिए खोल दिए जाएंगे। एनएचएआई के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘सड़क परियोजनाओं के क्रियान्वयन में भूमि की अनुपलब्धता सबसे बड़ी रुकावट है। संबंधित राज्य सरकारों को भूमि अधिग्रहण पूरा करने और आवश्यक पैच सौंपने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। जब हम ग्रीनफील्ड या नए अलाइनमेंट हाईवे और एक्सप्रेसवे बना रहे हों तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।’
[ad_2]
Source link