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NASA Cassini Research: नासा के कैसिनी स्पेश यान ने शनि के चंद्रमाओं को लेकर बड़ी खोज की है. कैसिनी से मिले डेटा के मुताबिक, शनि के चंद्रमा टाइटन पर एक हाइड्रोकॉर्बन का सागर मौजूद है. कैसिनी ने शनि और उसके बर्फीले चंद्रमा को लेकर काफी जानकारी इकट्ठा की है. साल 2017 में एक विशाल वलय में गोता लगाने के बाद कैसिनी का मिशन समाप्त हो गया था, लेकिन पिछले 13 वर्षों की अपनी पड़ताल में जो इसने डेटा इकट्ठा किया, उसपर अब शोध किया जा रहा है.
कैसिनी के रडार ने टाइटन की सतह पर तरल हाइड्रोकार्बन के समुद्रों को लेकर दिलचस्प जानकारी दी है. शनि का टाइटन हमारे सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है, पृथ्वी के अलावा इस ग्रह पर अब मानव जीवन की तलाश की जा रही है. क्योंकि यह ग्रह पृथ्वी से काफी मिलता-जुलता है. नारंगी धुंध में लिपटा यह ग्रह पृथ्वी के अलावा एक मात्र ऐसा स्थान है, जहां पर तरल समुद्र हैं. फिलहाल, ये समुद्र पानी से नहीं बल्कि नाइट्रोजन और कार्बनिक यौगिक- मीथेन और ईथेन से बने हैं.
टाइटन में पृथ्वी जैसे समुद्र
इस अध्ययन में टाइटन के उत्तरी ध्रुव के पास तीन समुद्र पाए गए हैं, जिसमें ‘क्रैकन मारे’ सबसे बड़ा है. यह यूरेशिया के कैस्पियन सागर के बराबर है. इसके अलावा ‘लीजिया मारे’ दूसरा सबसे बड़ा समुद्र है, जो उत्तरी अमेरिका के लेक सुपीरियर के बराबर है. वहीं ‘पुंगा मारे’ इस टाइटन पर तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है, यह अफ्रीका के लेक विक्टोरिया जितना बड़ा है.
टाइटन पर तरल मीथेन की होती है बारिश
शनि का चंद्रमा टाइटन 3200 मील यानी 5150 किमी चौड़ा है. यह बृहस्पति के गैनीमीड के बाद हमारे सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है. यह टाइटन बुध ग्रह से काफी बड़ा है. हमारे सौरमंडल में टाइटन और पृथ्वी ही ऐसे ग्रह हैं, जहां पर तरल पदार्थ बादलों से बरसते हैं. इनके तरल पदार्थ सतह पर नदियों, समुद्र और झीलों में बहते हैं. वहीं इसके बाद ये तरल पदार्थ दोबारा हाइड्रोलॉजिकल प्रक्रिया शुरू करने के लिए आसमान में वाष्पित हो जाते हैं.
पृथ्वी और टाइनटन में क्या है अंतर?
दोनों ग्रहों पर एक मात्र अंतर यह है कि पृथ्वी पर बादल पानी बरसते हैं. वहीं टाइटन पर वाष्पित बादल मीथेन उगलते हैं, जबकि मीथेन पृथ्वी पर एक गैस के रूप में जानी जाती है. पृथ्वी पर मीथेन गैस के रूप हैं, जबकि टाइटन पर ठंडी जलवायु की वजह से मीथेन तरल रूप में है. जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में इस रिसर्च को लेकर मंगलवार वृहद शोध पत्र प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक कॉर्नेल विश्वविद्यालय के इंजीनियर और ग्रह वैज्ञानिक वैलेरियो पोगियाली ने वृहद जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि ‘टाइटन पृथ्वी जैसा ही एक ग्रह है, जहां का घना नाइट्रोजन वातावरण हैं. यहां पर मीथेन-आधारित हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम चलता है’
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