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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : istock
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किसानों की आय बढ़ाने और बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए बरेली स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) की ओर से विकसित चार तकनीकों को अब पेटेंट मिल गया है। इसमें अंडे से तैयार कुल्फी, मलाई, मांस उत्पाद चिकन बड़ी व रोग प्रतिरोधी कैरी कंफर्ट तकनीक शामिल हैं। इनका पेटेंट होने से अब इन्हें देश-विदेश में पहचान मिलेगी।
संस्थान निदेशक डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली के 96वें स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस पर आयोजित समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों और आईसीएआर के सचिव डॉ. हिमांशु पाठक ने पेटेंट का प्रमाणपत्र सौंपा।
उन्होंने बताया कि ये उत्पाद किसानों को परंपरागत कुक्कुट पालन के बजाय उन्हें आय के नए विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विकसित किए गए हैं। एग रबड़ी मलाई और एग कुल्फी की तकनीक वैज्ञानिक डॉ. अजीत सिंह यादव और चिकन बड़ी, कैरी कंफर्ट की तकनीक को वैज्ञानिक डॉ. जयदीप रोकड़े के नेतृत्व में विकसित किया गया है। उत्पादों का व्यवसायीकरण हो चुका है।
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