[ad_1]
17 मई 2017, जयपुर की जगदंबा विहार कॉलोनी
.
सुबह के आठ सवा आठ बजे का वक्त था, जब अचानक कॉलोनी में रहने वाले सिविल इंजीनियर अमित नायर के घर से ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाज आई। आवाज सुनकर इलाके के लोग अमित के घर की तरफ दौड़े।
लोग अमित के घर के गेट तक ही पहुंचे थे। देखा कि एक महिला और दो आदमी अमित की पत्नी ममता को घसीटकर बाहर ला रहे हैं। बिना इस बात की परवाह किए कि वो प्रेग्नेंट है। मौके पर भीड़ बढ़ती देख तीनों घबरा गए और ममता को घर के बाहर पटककर कार में बैठकर फरार हो गए।
उनके जाने के बाद बेसुध ममता ने खुद को संभाला, तब तक उसकी सास भी वहां आ गई थी। दोनों रोती-चिल्लाती घर के अंदर दौड़ी। ड्राइंग रूम में अमित की लहूलुहान लाश पड़ी थी। ममता का सुहाग उजाड़ने वाले और प्रेग्नेंट होने के बावजूद उसे बेरहमी से घसीटने वाले और कोई नहीं उसी के मां-बाप थे।
क्राइम फाइल्स में आज पढ़िए वो ऑनर किलिंग केस, जिसने पूरी राजधानी को दहशत में डाल दिया था…
सिविल इंजीनियर अमित नायर और उसकी पत्नी ममता। दोनों जयपुर की जगदंबा विहार कॉलोनी में रहते थे। (फाइल फोटो)
17 मई 2017 को सिविल इंजीनियर अमित के घर के बाहर होंडा अमेज कार आकर रुकी। कार से उसकी पत्नी ममता की मम्मी भगवानी देवी और पापा जीवनराम जाट उतरे। कार में दो और लोग थे। एक कार के पास ही रुक गया और एक भगवानी देवी और जीवनराम के साथ उसके घर की तरफ बढ़े।
पिता ने घर की डाेरबेल बजाई। ममता ने गेट खोला। गेट के बाहर अपने मम्मी-पापा को देखते ही ममता इतनी खुश हो गई कि उसकी आंखें भर आईं। शिकायत भरे लहजे में अपने पिता से लिपटकर बोली- ‘पापा! आपको हमारी याद नहीं आती है क्या, जो इतने दिनों बाद आज आए हो?’
पिता ने बेटी के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘ऐसा नहीं है बेटा, आखिर हम तेरे मां-बाप हैं। तूने भले ही हमारा दिल तोड़ा और अपनी मनमर्जी की है, लेकिन हम तुझे कभी नहीं भूल सकते हैं।’
इस पर ममता बोली-‘पापा! आप लोग अब घर के अंदर भी आ जाओ और मम्मी आप क्यों चुप खड़ी हो। क्या बात है ? इस पर ममता की मां ने कहा- ‘बेटा आज हम तेरे से ही तो मिलने आए हैं।’
ममता ने अपने मम्मी-पापा के साथ अंजान शख्स को देख पूछा- ‘ये कौन हैं, इन्हें पहले कभी नहीं देखा?’ इस पर जीवनराम ने कहा, ‘ये हमारे परिचित हैं। हम साथ-साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में तेरा घर था तो सोचा तेरे से भी मिल लें। इसी बहाने गिले-शिकवे भी दूर हो जाएंगे, आखिर कब तक तुझसे नाराज रहेंगे?’
पिता की बात सुन ममता को तसल्ली हुई। उसने मम्मी-पापा और उस तीसरे शख्स को ड्राइंग रूम में सोफे पर बिठाया और तीनों के लिए चाय-नाश्ते की तैयारी करने लगी। ममता के पिता जीवनराम ने उससे पूछा- ‘दामादजी दिख नहीं रहे, कहीं बाहर गए हैं क्या?’ ममता ने जवाब दिया- ‘वो अभी सो रहे हैं। लेट ही उठते हैं। अभी उन्हें जगा देती हूं।’
मर्डर की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। ममता ने उन्हें पूरी घटना बताई।
दामाद का बेटी के सामने मर्डर
ममता अपने कमरे में गई और पति अमित को जगा कर बोली, ‘मम्मी-पापा आए हैं, आपसी गिलेशिकवे दूर करना चाहते हैं।’
ममता की बात सुनकर अमित हैरान रह गया। जल्दी से उठा और वाश बेसिन पर जा कर अपना मुंह धोया। तौलिए से मुंह पोंछते हुए ड्राइंगरूम में पहुंचा। ममता के मम्मी-पापा को हाथ जोड़ कर प्रणाम करते बोला, ‘पापा जी! आज आप को हमारी याद कैसे आ गई?’
जीवनराम ने हंसते हुए कहा ‘बेटा, ऐसी कोई बात नहीं है। तुमसे शादी करने के बाद ममता तो हमें भूल ही गई है। अब उसे हमारे साथ भेज दो। कुछ दिन वो हमारे साथ रह लेगी। वैसे भी वह प्रेग्नेंट है, इसलिए उसे अभी पीहर में आराम की जरूरत है।’
अमित के जवाब देने से पहले ही ममता बोल पड़ी- ‘पापा, मैं कहीं नहीं जाऊंगी। मुझे यहां किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है।’ अमित ने उसकी बात से सहमति जताते हुए कहा- ‘पापा जी, ममता आप के साथ नहीं जाना चाहती, इस का कहीं जाने का मन नहीं है।’
ममता और अमित की बातें सुन कर जीवनराम ने कुछ नहीं कहा। बस अपने साथ आए युवक को आंखों से इशारा किया। इशारा पाते ही उस युवक ने जेब से पिस्तौल निकाली और अमित पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। लहूलुहान अमित फर्श पर गिर गया। उसके सीने, गर्दन और पैर में 4 गोलियां लगी थीं।
अमित के मर्डर के बाद उसके दोस्त भी मौके पर पहुंच गए थे। हर कोई हैरान था।
बेटी का भी अपहरण करने की कोशिश
पास खड़ी ममता न कुछ सोच पा रही थी और न ही कुछ समझ पा रही थी। ‘मम्मी-पापा! आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? अपनी ही बेटी से इतनी नफरत?’ ममता ये सवाल पूछ पाती, इससे पहले ही उसके बेरहम मां-बाप ने उसके बाल पकड़े और घसीटते हुए अपने साथ ले जाने लगे।
तब तक गोलियों की आवाज और ममता की चीखें सुन कर अंदर से अमित की मां रमा देवी आ गई थीं। कॉलोनी के काफी लोग भी आ गए थे। इधर, ममता के माता-पिता के साथ आए बाहर खड़े उस चौथे शख्स ने तब तक कार स्टार्ट कर दी थी। भीड़ बढ़ती देख बेटी को वहीं पटककर जीवनराम, भगवानी देवी और वो तीसरा शख्स कार में बैठकर फरार हो गए।
दिनदहाड़े घर में घुसकर हत्या से काॅलोनी में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी करा दी। अमित की मां रमा देवी ने करणी विहार थाने में अमित के सास-ससुर व 2 अन्य लोगों के खिलाफ अमित की हत्या और उसकी पत्नी ममता को जबरन ले जाने का प्रयास का मामला दर्ज कराया।
ममता के अपने मां-बाप ने उसका सुहाग उजाड़ दिया।
कई टीमें गठित की
तत्कालीन जयपुर पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई पुलिस टीमों का गठन किया। ममता के मां-बाप जीवनराम और भगवानी देवी के स्केच बनवाए गए और उनकी तलाश शुरू की गई। गोली चलाने वाले और कार भगाने वाले शख्स का पता उनके पकडे़ जाने पर ही चल सकता था।
हालांकि अब तक पुलिस को ममता के परिजनों और रिश्तेदारों के नाम-पते पता चल गए थे। ममता के पिता जीवनराम जाट सीकर के थाना लोसल के गांव मोरडूंगा के रहने वाले थे। वारदात के दौरान वह जयपुर के वैशालीनगर में झारखंड मोड़ स्थित गणेश काॅलोनी में रह रहे थे।
पुलिस हत्यारों की तलाश में जुट गई, क्योंकि कई सवाल थे, जिनके जवाब अब भी मिलने बाकी थे…
- ममता के माता-पिता को अपने दामाद से इतनी नफरत क्यों थी कि उन्होंने उसका मर्डर करा दिया?
- क्या अमित के बाद ममता के माता-पिता उसका भी मर्डर करने वाले थे?
- अमित पर गोलियां बरसाने वाला और कार दौड़ाने वाला शख्स कौन था?
कल पढ़िए इन सवालों के जवाब…
[ad_2]
Source link