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– 14 बड़े पावर डिस्काम कार्यालयों पर विरोध दर्ज कराया
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। राजधानी में बिजली बिल बढ़ने के मामले पर सोमवार को भाजपा ने अलग-अलग 14 पावर डिस्काम कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि बिजली कंपनियां और दिल्ली सरकार मिलकर सरचार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं की जेब काटी जा रही है।
पावर डिस्कॉम बीएसइएस यमुना के कड़कड़डूमा स्थित मुख्यालय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बिजली सरचार्ज के नाम पर आप सरकार ने जनता को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि 1.5 फीसदी बिजली खरीद समझौता शुल्क (पीपीएसी) पहली बार दिल्ली में 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से अवैध रूप से लगाया गया था। 2014 में राष्ट्रपति शासन के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल की तत्कालीन केन्द्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद इसे वापस ले लिया गया। अगस्त 2014 से सितंबर 2015 के बीच शुल्क नहीं लगा, लेकिन दिल्ली में सत्ता में आने के बाद केजरीवाल सरकार ने इसे 1.5 फीसदी से 45 फीसदी तक पहुंचा दिया। रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन के लिए भी सरचार्ज लिया जा रहा है।
विजय नगर स्थिति एनडीपीएल कार्यालय के बाहर सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार मुफ्त बिजली का दिखावा करती है, लेकिन दिल्ली के अंदर सबसे महंगी बिजली है। जितना बिजली बिल है, उससे ज्यादा सरचार्ज वसूला जा रहा है। वसंतकुंज में दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी बिजली कंपनियों के खाते ऑडिट करने के वादे के साथ सत्ता में आई और आज बिजली कंपनियों के साथ मिलकर जनता की जेब काट रही है। करोल बाग में नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार और निजी कंपनी डिस्कॉम्स के बीच एक चिंताजनक साझेदारी दिखाई देती है। पीपीएसी के जरिए जनता पर बोझ बढ़ाया जा रहा है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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