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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
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संकटमोचन, मंडुवाडीह, मलदहिया और भोजूबीर में करौली डायग्नोस्टिक सेंटर के द्वारा फर्जीवाड़ा कर पैथालॉजी सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। आमजन के स्वास्थ्य से हो रहे खिलवाड़ के इस खेल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत है। यह शिकायत भाजपा की जिला कार्यसमिति के सदस्य अजय कुमार उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। मुख्यमंत्री के निर्देश के आधार पर लंका थाने में धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की है।
अजय कुमार उपाध्याय के अनुसार संकटमोचन, मंडुवाडीह, मलदहिया और भोजूबीर इलाके में करौली डायग्नोस्टिक सेंटर की शाखाएं हैं। मरीजों की जांच रिपोर्ट में अपोलो हॉस्पिटल, चेन्नई के पूर्व सीनियर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. एस सेंथील कुमार का फर्जी हस्ताक्षर किया जाता है। जबकि, वह गत दो वर्ष से ज्यादा समय से विदेश में सेवा दे रहे हैं।
डॉ. सेंथील ने देश छोड़ते समय वाराणसी के मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेज कर सूचित किया था कि वह विदेश जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि अब न कोई सेंटर चला रहा हूं और न किसी सेंटर में कार्यरत हूं। इसके बावजूद आमजन के स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर वाराणसी के सीएमओ कार्यालय द्वारा करौली डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रबंध निदेशक से मोटी रकम लेकर डॉ. सेंथील के पत्र को दबा दिया गया। साथ ही, फर्जी और मनमाने तरीके से चार जगह करौली डायग्नोस्टिक सेंटर चलाया जा रहा है।
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