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इंटरनेशनल बॉक्सर स्वीटी बूरा।
हरियाणा की वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर पंच क्वीन स्वीटी बूरा ने हिसार के बरवाला ने सियायी दावेदारी ठोक दी है। स्वीटी ने BJP की टिकट पर बरवाला से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
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स्वीटी बूरा ने इसकी घोषणा बरवाला के गांव सरसौद में अपने ननिहाल से की। स्वीटी बूरा हिसार की रहने वाली हैं, उनकी शादी रोहतक के गांव चमारिया में कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुई थी।
स्वीटी के ननिहाल गांव सरसौद में जागलान खाप, भ्यान खाप और आसपास के गांवों की ओर से स्वीटी बूरा को उनकी उपलब्धियों को लेकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में स्वीटी ने राजनीति के क्षेत्र में दो-दो हाथ करने की बात कही और कहा कि अगर भाजपा उनको बरवाला से टिकट देगी तो वह जीतकर निकलेंगी।
स्वीटी बूरा ने कहा “मैं किसान की बेटी हूं और किसान अपनी बेटी को आशीर्वाद जरूर देंगे। मैं भाजपा की सामान्य कार्यकर्ता हूं अगर पार्टी उनको जो जिम्मेदारी देगी, वह निभाएंगी। अगर उनको टिकट नहीं भी मिलता तो भी वह पार्टी के लिए काम करती रहेंगी।
जैसे मैंने खेल में देश का नाम रोशन किया, देश को आगे रखकर काम किया उसी तरह राजनीति के क्षेत्र में भी देश को आगे रखकर काम करूंगी। मैं महिलाओं और बेटियों की आवाज बनने के लिए तैयार हूं। नाना के घर खापों और ग्रामीणों द्वारा सम्मान पाने पर स्वीटी ने इसे गौरव का पल बताया।
वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन स्वीटी बूरा।
छह महीने पहले भाजपा में एंट्री ली थी
स्वीटी बूरा ने जनवरी 2024 में भाजपा का दामन थामा था। रोहतक में पूर्व CM मनोहर लाल की मौजूदगी में पति कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा के साथ स्वीटी ने भाजपा जॉइन की थी। तब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे नायब सैनी और कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई थी।
स्वीटी बूरा ने तब कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं। चाहे फिर वो अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण, चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देना हो या फिर खेल क्षेत्र में दी गई सुविधाएं व बजट बढ़ाने की बात हो वह भाजपा की नीतियों से प्रभावित हैं।
हिसार में स्वीटी बूरा के मेडल दिखाते माता-पिता।
स्वीटी बूरा कबड्डी के बाद बॉक्सिंग में आई
10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में स्वीटी बूरा का जन्म हुआ था। स्वीटी बूरा का शुरुआत से ही रुझान कबड्डी की तरफ था। वह हरियाणा से कबड्डी की स्टेट लेवल प्लेयर भी बनीं। हालांकि, साल 2009 में उनके जीवन ने करवट ली।
पिता महेंद्र सिंह बूरा के कहने पर स्वीटी ने कबड्डी छोड़ बॉक्सिंग शुरू की। इसके बाद स्वीटी ने भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्वीटी बूरा को 2015-16 सीजन में मिली उनकी खेल उपलब्धियों के लिए हरियाणा सरकार ने 2017 में भीम पुरस्कार से नवाजा। स्वीटी बूरा को हरियाणा पुलिस ने नौकरी भी दी। बूरा साल 2019 में एक कॉन्स्टेबल के रूप में हरियाणा पुलिस फोर्स में शामिल हुईं थीं।
2 साल पहले हुई थी स्वीटी की शादी
स्वीटी बूरा की शादी 2 साल पहले कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुई थी। स्वीटी ने बताया था कि साल 2015 में हम रोहतक में मैराथन में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे। यह दीपक से मेरी पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात में हमारी नजरें मिलीं और दोस्ती हुई। घर पर सभी दोस्त आते जाते थे। दीपक भी आता था।
कब यह मुलाकातें प्यार में बदल गईं, पता ही नहीं चला। 7 साल के लंबे इंतजार के बाद हमें शादी करने का मौका मिला। स्वीटी ने कहा कि घरवाले शुरू में ही राजी हो गए थे। उन्होंने कहा कि यदि तुझे पसंद है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि उस समय दीपक का नाम खेल की दुनिया में इतना मशहूर नहीं था।
बरवाला में बढ़ा है भाजपा का जनाधार
आपको बता दें कि 2 माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में हिसार में भाजपा की हार हुई थी। यहां कांग्रेस के जयप्रकाश ने भाजपा के रणजीत चौटाला को हराया था। मगर हिसार और हांसी के साथ-साथ बरवाला विधानसभा से भाजपा कांग्रेस से आगे रही थी। यही कारण है कि बरवाला में भाजपा की टिकट के कई दावेदार हैं।
बरवाला में जयप्रकाश को 52 हजार 299 वोट मिले थे जबकि रणजीत चौटाला को 63 हजार 956 वोट मिले। रणजीत चौटाला 11657 वोटों से कांग्रेस के जयप्रकाश से आगे रहे थे। इस सीट पर जाट और ओबीसी वोटर निर्णायक है यही कारण है कि इस सीट पर पार्टियां अधिकतर इसी समाज को प्राथमिकता देती है।
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