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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस जयंत नाथ को पत्र लिखकर बिजली के बिल में पीपीएसी (विद्युत खरीद समायोजन शुल्क), पेंशन अधिभार, मीटर शुल्क, लोड अधिभार में बढ़ोतरी के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इन कारणों से बिजली उपभोक्ताओं के बिल का भार उनकी जेब पर पड़ा है। साथ ही उन्होंने 15 जुलाई को सभी 14 जिलों में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सोमवार को सभी बिजली दफ्तरों के बाहर यह प्रदर्शन किया जाएगा।
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सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के लोग आज दोहरी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। एक तरफ भीषण गर्मी के बाद उन्हें उमस का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें भारी भरकम बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अप्रैल-मई से ही बिल की राशि को लेकर लोगों में आक्रोश है और हमारी एक टीम ने बिजली शुल्क विशेषज्ञों और आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर इसका अध्ययन किया है।
‘आप’ ने भाजपा पर गुमराह करने का आरोप लगाया
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा दिल्ली की जनता को यह अफवाह फैलाकर गुमराह कर रही है कि पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट (पीपीएसी) के जरिए दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ा दी गई है। देश में जिस राज्य में भी बीजेपी सत्ता में है, उस राज्य में देश में सबसे महंगी बिजली मिलती है। इतना ही नहीं बल्कि महंगी बिजली का बिल चुकाने के बाद भी बीजेपी शासित राज्यों में लोगों को भीषण गर्मी में 8-8 घंटे की बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है।
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