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इंदौर में वाहनों के फिटनेस की नई व्यवस्था सोमवार से लागू हो जाएगी। अब फिटनेस की जांच मैन्युअल नहीं होगी। वाहनों के फिटनेस ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से किए जाएंगे। आरटीओ ऑफिस से वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं होंगे। वाहन स्वामियों को ऑटोमेटेड स्
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दरअसल, नेमावर रोड़ इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास स्थित वेदांती व्हीकल फिटनेस (एसपीवी) द्वारा ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) के माध्यम से वाहनों के फिटनेस का काम होगा। सोमवार से विधिवत इसकी शुरुआत हो जाएगी। ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन के माध्यम से वाहनों के फिटनेस किए जाएंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुपालन में यह व्यवस्था लागू की गई है।
ट्रैक से वाहन गुजरने पर पता चल जाएगी कमी
ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में वाहनों की फिटनेस चेकिंग मैन्युअल के बजाय ऑटोमेटेड सिस्टम से होगी। इसमें एक ट्रैक से वाहनों को गुजारा जाएगा। ट्रैक पर चलने के दौरान वाहन के बाहरी हिस्सों से लेकर आंतरिक पुर्जों तक का परीक्षण सिस्टम खुद करेगा और किसी प्रकार की कमी सामने आने पर वाहन काे अन फिट घोषित कर देगा। इससे फिट वाहन ही सड़कों पर चल सकेंगे।
गुजरात में सबसे पहले शुरुआत
बता दें केंद्र सरकार द्वारा की गई सड़क हादसों की समीक्षा में ज्यादातर हादसे अन फिट वाहनों के कारण होने की बात सामने आई। इन वाहनों से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। 2018 में योजना बनाई गई थी कि देश में सभी कॉमर्शियल वाहनों का फिटनेस टेस्ट मैन्युअल करने के बजाय ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) के माध्यम से किया जाए।
इसे कई बार अनिवार्य करने की घोषणा हुई, लेकिन स्टेशन के अभाव में व्यवस्था लागू नहीं हो सकी। देश में सबसे पहले पिछले साल गुजरात में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की शुरुआत हुई थी। अब मध्यप्रदेश के तीन शहर भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में इसे लागू किया है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर
इंदौर में फिटनेस को लेकर सामने आ चुका है फर्जीवाड़ा
बता दें आरटीओ फिटनेस शाखा को लेकर पूर्व में कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। अनफिट वाहनों को फिटनेस प्रमाण-पत्र देने के मामले सामने आते रहे हैं। धार जिले में खड़े एक डंपर का फिटनेस टेस्ट इंदौर आरटीओ ऑफिस में आए बिना ही हो गया था। वाहन को फिट घोषित करते हुए सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। फिटनेस शाखा में यह धांधली विभाग के ही अधिकारियों-कर्मचारियों ने एजेंट के साथ मिलकर की थी।
8 हजार रुपए में फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होने की शिकायत हुई थी। वाहन मालिक से वॉट्सऐप पर वाहन के फोटो बुलवाए गए थे। फिर इन्हीं फोटो के फोटो फिटनेस टेस्ट में उपयोग किए जाने वाले टैबलेट से खींच लिए और फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। नियमानुसार परिवहन निरीक्षक द्वारा वाहन की जांच के बाद फिटनेस में पास होने पर फिटनेस सर्टिफिकेट पर साइन किए जाते हैं। अब ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के माध्यम से इस प्रकार की धांधली पर भी रोक लगेगी।
ये बोले अधिकारी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुपालन में इन्दौर जिले में वाहनों की फिटनेस नए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) के माध्यम से की जाएगी। 12 जुलाई के बाद से किसी भी वाहन को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर से फिटनेस जारी नहीं हुआ है।
– प्रदीप शर्मा,आरटीओ
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