[ad_1]
17 जुलाई, 10 मुहर्रम हिजरी को ताज़िये सुपुर्द ए खाक किए जाएंगे। इससे पहले रविवार को इमाम हुसैन की याद में अलम का जुलूस निकला। इस दौरान ताज़ियों का एक हिस्सा निकाल कर अज़ादार मेंहदी पेश की। इस दौरान अखाड़ों करतब के साथ साथ मातमी धुनों से अलम का जुलूस
.
अखाड़ों के उस्तादों द्वारा तलवारबाजी, पट्टेबाजी का प्रदर्शन किया। मोहल्ला महावतान में सोने चांदी से जड़ित ताजिया सन 1868 से मनाया जा रहा है। करीब 156 सालो से परंपरागत तरीके से ताजिया निकाला जा रहा है। अलग अलग इलाकों से आकर घाटगेट बाजार में जुलूस के रूप में अलम शामिल हुए। इस दौरान रास्तों में शरबत की छबील भी लगाई गई।
घरों में दाल-बाटी सहित अन्य पकवानों पर नजर पेश की गई। मुस्लिम मोहल्लों में मातमी धूनों के साथ अलम का जुलूस घर-घर पहुंचा। इसी दौरान अकीदतमंदों की ओर से अलम पर मन्नतों का धागा बांधा गया। साथ ही सेहरा व मेवा भी चढ़ाया गया।
बता दे कि 17 जुलाई, 10 मुहर्रम हिजरी को ताज़िये सुपुर्द ए खाक किए जाएंगे। शहर में करीब 250 से ज़्यादा ताज़िये निकाले जाएंगे। करबला स्थित इमाम हुसैन के रोज़े का अक्स ताज़िया होता है।
[ad_2]
Source link