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शब्द::268
उपचुनाव पैकेज :
राज्य से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के प्रचार के बावजूद एनडीए का पुराना किला ध्वस्त
लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भी लोगों ने दिखाया आईना, तीसरे नंबर पर रही बीमा
– निर्दलीय शंकर सिंह को 67779, जदयू के कलाधर को 59568 वोट मिले
पूर्णिया, धीरज।
बिहार के रुपौली उपचुनाव में न नीतीश चले न ही लालू। शंकर ने दिल जीत लिया। जनता के साथ दो दशकों से भक्ति ने शंकर को सियासी शक्ति दे दी है। लोजपा से विद्रोह कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में कूदे शंकर सिंह को जनता ने अपना विधायक चुना है। राज्य में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली जदयू उपचुनाव हार गई।
राज्य के मंत्रियों से लेकर केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राज्य अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रचार करने के बावजूद जदयू अपने पुराने गढ़ को ध्वस्त होने से नहीं बचा पाया। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यहां चुनावी सभा की। इसके बावजूद जदयू के कलाधर मंडल दूसरे स्थान पर रहे। राजद की बीमा भारती पूर्णिया लोकसभा चुनाव की तरह रुपौली विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहीं। उनके पक्ष में तेजस्वी का प्रचार कारगर साबित नहीं हुआ। खास बात यह है कि इंडिया गठबंधन भी एकजुट दिखा। यहां तक की सांसद पप्पू यादव ने भी बीमा को अपना समर्थन दिया। वहीं, चुनावी सभा में जदयू, भाजपा, लोजपा और हम नेता सभी एक साथ दिखे। इसके बावजूद शंकर सिंह ने सीट अपने नाम कर ली। शंकर सिंह को कुल 67779 वोट मिले। कलाधर मंडल को 59568 वोट मिले। बीमा को 30108 वोट मिले। शंकर दूसरी बार रुपौली से विधायक चुने गए हैं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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