[ad_1]
मप्र में मोहन सरकार ने शासकीय दफ्तरों में बाबुओं की लेट-लतीफी पर रोक लगाने के लिए सख्त रवैया अपनाया। इसे लेकर मोहन सरकार ने 26 जून को स्पष्ट आदेश जारी कर ऑफिस में आने-जाने की टाइमिंग दी गई है। आदेश के मुताबिक सभी कर्मचारियों को सुबह 10 बजे से शाम 6 ब
.
सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की लेटलतीफी और वक्त से पहले घर जाने की गलत आदत को सुधारने का असर कई कर्मचारी-अधिकारियों पर हुआ। लेकिन अभी भी कुछ ऐसे कर्मचारी है, जो अपनी लेट-लतीफी की आदत को सुधार नहीं रहे।
पड़ताल में देखे तीन विभागों की हकीकत
क्लर्क, लेखापाल की कुर्सियां खाली
महिला एवं बाल विकास विभाग में क्लर्क, लेखापाल, ऑपरेटर समय से नहीं पहुंचने पर कुर्सी खाली नजर आई।
विभाग : महिला बाल विकास विभाग जिला कार्यालय।
समय : सुबह 10.10बजे।
दफ्तर में दो अधिकारी और 5 बाबू,-चपरासी का स्टाफ है। जब दफ्तर में अंदर जाकर देखा तो बाबू-लेखापाल के बैठने वाली कुर्सियां खाली थी। सहायक संचालक वीपी गौर, एक बाबू और दो चपरासी उपस्थित थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी का चेंबर भी खाली था। सहायक संचालक गौर ने कहा एक बाबू बीमारी के कारण करीब एक महीने से व दूसरे बाबू 15 दिन के अवकाश पर है। एक बाबू दुबे आने वाले है। जो सुबह 10.20बजे तक नहीं पहुंचे थे। जिससे कुर्सियां खाली पड़ी थी।
देरी से पहुंचे बाबू ने फटाफट किए हस्ताक्षर
विभाग: जिला कोषालय दफ्तर
समय: 10.30बजे
सहायक कोषालय अधिकारी ने अनुपस्थित कर्मचारियों के नाम के आगे फटाफट सीएल लिख बचाने का प्रयास किया।
जिला कोषालय( ट्रेज़री) दफ्तर में 33 में 25 कर्मचारी उपस्थित मिले। आवक-जावक शाखा, आय शाखा, देयक शाखा, सहायक कोषालय अधिकारी समेत करीब 8 बाबू, अधिकारियों की कुर्सियां खाली थी। पूछने पर पता चला कि 5 कर्मचारी के अवकाश व दो के ट्रेनिंग पर होने की बात बताई गई। 10.45बजे पहुंचे एक बाबू ने रिपोर्टर को देखकर फटाफट उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए। पूछने पर बताया कि 10 बजे आ गया था, पर साइन नहीं कर पाया।
जबकि बाबू 10.40बजे तक दफ्तर नहीं पहुंचे थे। उपस्थिति रजिस्टर पर क्लर्क ग्रेड-3 मंजु सरकार के 11जुलाई, 12 जुलाई की उपस्थिति वाली जगह खाली थी। आरबी गोलिया के 12 जुलाई की जगह खाली थी। जहां सहायक कोषालय अधिकारी ने सीएल लिख दिया।
विभाग : जिला आबकारी कार्यालय
समय : सुबह 10.50बजे
आबकारी दफ्तर में एक बाबू 11 बजे तक नहीं आएं और दो महिला बाबू साइन कर ठंडा पानी पीने कैंटिन गई थी।
जिला आबकारी कार्यालय में भी महिला बाल विकास विभाग व ट्रेजरी जैसा ही आलम मिला। यहां मात्र एडीओ, दफ्तर के बड़े बाबू और 2 चपरासी मौजूद थे। बाकी 2 महिला कर्मचारी जिनकी उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर थी। पर दफ्तर से गायब थी। कुछ देर बाद दोनों महिला कर्मचारी दफ्तर पहुंची। मीडिया को देख वो तुरंत अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गई। पूछने पर उन महिला बाबू ने कहा हम पानी पीने कैंटिन गए थे। जब पूछा कि पानी की बोतल तो आपके टेबल पर रखी तो उन्होंने बहाना बनाया कि ठंडा पानी पीना था जो कैंटिन में मिलता है। एक महिला कर्मचारी अवकाश पर थी और एक कर्मचारी 11 बजे तक नहीं पहुंचे थे। जिला आबकारी अधिकारी अरविंद सागर फील्ड पर शराब दुकान चैकिंग पर थे।
[ad_2]
Source link