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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछली सरकार से हटकर नया प्रयोग किया है। वे विधायकों के साथ संभागवार बैठकें कर रहे हैं। खास बात यह है कि इन बैठकों में जिलों के कलेक्टर, एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जोड़ा जा रहा है।
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विधायक इसलिए खुश हैं कि सरकार उन्हें कह रही है कि रोड डेवलपमेंट का प्लान दीजिए। सरकार के पास बजट की कमी नहीं है।
वहीं संगठन के लोग सीएम की इस नई स्टाइलिश वर्किंग के मायने समझने की कोशिश मेंं जुट गए हैं, क्योंकि विधायकों के साथ बैठक तो पूर्व सीएम भी करते रहे हैं, लेकिन बैठक में क्या कहा, यह सरकार की ओर से नहीं बताया जाता था, बल्कि उसके फोटो तक मीडिया को नही मिलते थे।
अब दोनों ही काम हो रहे हैं तो संगठन के जिम्मेदार इसे अचरज भरी नजर से देख रहे हैं।
मंत्री बन गए, लेकिन 5 दिन से विभाग का इंतजार
कांग्रेस से बीजेपी में आए चंबल के कद्दावर नेता को सरकार ने मंत्री बनाकर विधायक पद से इस्तीफा तो दिला दिया, लेकिन अब तक उन्हें विभाग नहीं सौंपा है कि वे किस विभाग के मंत्री होंगे।
इन मंत्री को विभाग मिलने का इंतजार बाकी मंत्रियों को भी है, क्योंकि सभी यह जानना चाहते हैं कि किसके विभाग में बदलाव होने वाला है या विभाग में कटौती होने वाली है।
इसी के चलते मंत्री पिछली कैबिनेट में भी नहीं आए और फिलहाल मंत्री बनने के बाद निजी यात्रा पर हैं। अब यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि 13 जुलाई को अमरवाड़ा उपचुनाव परिणाम के बाद ही अकेले शपथ लेने वाले मंत्री का विभाग घोषित किया जाएगा।
कांग्रेस में कार्यकारिणी के लिए जोर आजमाईश
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में बड़े बदलाव के संकेत हैं। इसके लिए पीसीसी चीफ मीडिया को दी टाइम लाइन पर सूची जारी नहीं कर पाए तो प्रदेश प्रभारी को इसके लिए आगे आना पड़ा है।
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने फिर यह कहकर पीसीसी चीफ को 15 दिन की मोहलत दिला दी है कि 10 से 15 दिनों में सूची आ जाएगी।
दूसरी ओर सूची में युवाओं को अधिक मौका देने की कवायद के बीच दिग्गज नेताओं ने हाथ पैर मारने शुरू कर दिए हैं कि उनके पावर में कटौती न होने पाए और वहीं युवा नेता अपना नाम आगे बढ़ाने की जोर आजमाईश में जुटे हैं।
रोज बैठक हो रही, लेकिन सूची नहीं आ रही
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होगी। जिसमें प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के सीनियर अफसरों के साथ ही कलेक्टर और एसपी के भी तबादले होंगे।
इसके लिए मंत्रालय में रोज बैठकों का दौर जारी है, लेकिन पिछले एक सप्ताह से सूची जारी नहीं हुई। अब तो मंत्रालय के अफसर भी कहने लगे हैं कि बैठकें तो रोज हो रही हैं, लेकिन सूची नहीं आ रही।
अपर कलेक्टरों को आईएएस बनाने का प्रस्ताव कब जाएगा
प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आईएएस अवॉर्ड करने के लिए प्रस्ताव भेजने के मामले में जीएडी कार्मिक की धीमी कार्यवाही चल रही है। इससे उन अधिकारियों में बेचैनी बढ़ रही है जो आईएएस बनने की पात्रता रखते हैं।
2023 बैच की डीपीसी में आईएएस बनने का इंतजार कर रहे अधिकारियों को आईएएस अवॉर्ड करने अब तक डीओपीटी को फाइनल प्रस्ताव ही नहीं भेजे गए हैं। जिससे डीपीसी की डेट फाइनल हो सके। इसी कारण आधा दर्जन से अधिक राज्य प्रशासनिक सेवा अफसरों को आईएएस बनने में देरी हो रही है।
और अंत में..
इन्हें तबादलों पर बंदिश हटने का इंतजार
विधानसभा के मानसून सत्र के बाद अब मंत्रियों के गृह क्षेत्र और राजधानी के बंगलों में उनके करीबियों का जमावड़ा बढ़ने लगा है।
दरअसल, ये मंत्रियों के क्षेत्र और उनसे किसी न किसी रूप में अपना सानिध्य जताने वाले लोग हैं जो अपने इलाके के लोगों को यह बताते हैं कि मंत्री और उनके स्टाफ में उनकी अच्छी पकड़ है। कहत् हैं जैसे ही तबादले शुरू होंगे, आपका काम करा दिया जाएगा।
ऐसे में तबादलों से बंदिश हटने का जितना इंतजार अपना तबादला कराने वाले को हैैं, उससे अधिक इतजार वे कर रहे हैं जो ऐसे लोगों के जरिये अपना काम साधने में जुटे हैं।
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