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नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। विदेशी आतंकियों की जम्मू-कश्मीर में मौजूदगी और ताजा हमलों के बीच सीमा पर सुरक्षा बल घुसपैठ-रोधी तंत्र की समीक्षा और घुसपैठ के बिंदुओं को चिन्हित कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है कि घुसपैठ रोकने के तमाम प्रयास के बावजूद आख़िर सीमा पार से आतंकी कैसे आ रहे हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि सीमा पर विशेष तलाशी अभियान और सुरक्षा ऑडिट के दौरान बीएसएफ़ को अपने निगरानी तंत्र में जम्मू इलाके में पाकिस्तान सीमा पर कोई घुसपैठ, नया निर्माण या कोई अवांछित गतिविधि नहीं दिखी। सूत्रों ने कहा कि सीमा पर ऐसे बिंदुओं को चिन्हित करने का प्रयास हो रहा है जहां से आतंकी सीमा के अंदर घुसने में सफल हो सकते हैं। इस साल जम्मू में कम से कम पांच आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें आठ सुरक्षाकर्मी और 10 नागरिक मारे गए हैं।
सुरक्षा बल इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उच्च प्रशिक्षित आतंकवादियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की है, क्योंकि 9 जून के बाद से जम्मू सीमा के करीब कठुआ जैसे इलाकों में चार हमले हुए हैं। 8 जुलाई को कठुआ शहर से लगभग 124 किलोमीटर दूर बदनोटा गांव के जेंदा नाला में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर दो दिशाओं से गोलीबारी की, जिसमें पांच सैन्यकर्मी मारे गए थे। अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा सुरंगों का इस्तेमाल करने की संभावना पर भी गौर किया जा रहा है। 2022 तक बीएसएफ ने जम्मू सीमा पर कम से कम पांच सुरंगों का पता लगाया था।
अधिकारी ने कहा कि व्यापक सीमा सुरक्षा के हिस्से के रूप में हमने नदी क्षेत्रों में पानी के नीचे कैमरे और सेंसर लगाए हैं। बिजली के तार भी बिछाए गए हैं। यदि कोई घुसपैठिया सीमा पार करने की कोशिश करता है तो ये उपकरण अलार्म भेज देंगे। यह उन बीएसएफ कर्मियों के अतिरिक्त है जो निगरानी के लिए वहां तैनात हैं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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