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नई दिल्ली। भारत के 3000 मीटर के शीर्ष स्टीपलचेज खिलाड़ी अविनाश साबले ओलंपिक में सिर्फ प्रतिभागी बनकर नहीं जाना चाहते हैं। उन्हें यकीन है कि वह पेरिस में पदक जीत सकते हैं। हाल ही में अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले 29 वर्षीय साबले टोक्यो में फाइनल में जगह नहीं बना सके थे।
उन्होंने कहा, मैं सिर्फ भाग लेने नहीं जा रहा हूं। मेरा विश्वास है कि मैं पदक जीत सकता हूं। मेरा फोकस लक्ष्य पर है और सब कुछ ठीक रहा तो मैं पदक जीत सकता हूं। मुझे लगता था कि ओलंपिक पदक विजेता कुछ अनूठे और कठिन तरीके से तैयारी करते हैं। लेकिन पिछले दो साल के मेरे अनुभव ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है। साबले इस महीने की शुरुआत में पेरिस डायमंड लीग में छठे स्थान पर रहे। उन्होंने आठ मिनट 9.91 सेकंड का समय निकालकर अपना रिकॉर्ड तोड़ा। साबले को मिल्खा सिंह, श्रीराम सिंह और पीटी उषा जैसे एथलीटों से ओलंपिक पदक जीतने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, विश्व स्तर पर उनके प्रदर्शन से मुझे काफी प्रेरणा मिलती है। अगर मेरे रोल मॉडल विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो मैं भी। मुझे अपनी प्रक्रिया पर फोकस करना सिखाया गया है। मेरी स्पर्धा मेरी ही टाइमिंग से है। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्टीपलचेज में कीनियाई खिलाड़ियों का वर्चस्व तोड़ने वाले साबले ने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों में मिले रजत पदक से मुझे आत्मविश्वास दिया कि मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का सामना कर सकता हूं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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